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Bhagalpur news नरकटिया बांध पर गंगा का दबाव, सिपेज व दरार भरने की जरूरत

प्रखंड का चर्चित नरकटिया जमींदारी तटबंध पर गंगा का तेज दबाव है. बुधवार को गंगा के जलस्तर में मामूली गिरावट दर्ज की गयी, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है.

प्रखंड का चर्चित नरकटिया जमींदारी तटबंध पर गंगा का तेज दबाव है. बुधवार को गंगा के जलस्तर में मामूली गिरावट दर्ज की गयी, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है. इस बीच बांध की स्थिति को लेकर विधायक कुमार शैलेंद्र के बयान ने स्थानीय लोगों में आक्रोश है. विधायक ने हाल ही में तटबंध का निरीक्षण किया. निरीक्षण के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि बांध पूरी तरह सुरक्षित है. केवल एक-दो जगहों पर सिपेज (रिसाव) हो रहा है, जिससे कोई खतरा नहीं है. उनके इस बयान को ग्रामीणों ने हल्के में लिया गया आकलन करार देते हुए कड़ी निंदा की है. सोनवर्षा पंचायत के मुखिया पति अजय कुमार लगातार बांध की सुरक्षा को लेकर सक्रिय हैं ने कहा कि केवल कैंची के पास ही 20 से 25 स्थानों पर सिपेज हो रहा है. तटबंध में कई जगह गहरी दरार है. तुरंत मरम्मत की आवश्यकता है. उन्होंने चेतावनी दी कि वर्तमान हालात में बांध को लेकर सतर्क रहना अत्यंत आवश्यक है. सोनवर्षा के अरुण कुमर ने विधायक के बयान को नकारते हुए कहा कि बांध पिछले साल आंधी-तूफान में ही काफी कमजोर हो गया था. यदि समय रहते मरम्मत का काम हुआ होता, तो आज लोगों को डर और भय के माहौल में जीना नहीं पड़ता. स्थानीय लोगों ने बताया कि कई जगह गंगा का पानी तटबंध के बराबर पहुंच चुका है. नरकटिया के पास स्थिति गंभीर है, जहां पानी का स्तर तटबंध की ऊंचाई के लगभग बराबर हो गया है, इस कारण रिसाव और दरारों का खतरा बढ़ गया है. बांध पर लगातार जल संसाधन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी नजर बनाये हुए हैं. रिसाव को रोकने के लिए जहां-तहां बोरा डालने और मिट्टी भराई का काम चल रहा है. गंगा का दबाव अभी भी बरकरार है और यदि जलस्तर में पुनः वृद्धि हुई तो स्थिति और बिगड़ सकती है.तटबंध के आसपास बसे गांवों के लोग पूरी तरह सतर्क हैं। ग्रामीणों का कहना है कि तटबंध टूटने पर बाढ़ का पानी सीधे उनके घरों में घुस जाएगा, जिससे जान-माल का भारी नुकसान हो सकता है. स्थानीय लोग सरकार और प्रशासन से जल्द से जल्द स्थायी मरम्मत कार्य कराने की मांग कर रहे हैं, ताकि हर साल इस तरह की स्थिति का सामना न करना पड़े. विधायक के बयान में बांध को पूरी तरह सुरक्षित बताया गया है, वहीं जमीनी हकीकत ग्रामीणों की आंखों में डर और चिंता के रूप में दिख रही है. नरकटिया जमींदारी तटबंध की मौजूदा स्थिति यह संदेश दे रही है कि खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है. सावधानी ही सुरक्षा की गारंटी है.

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