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bhagalpur news. वादी, प्रतिवादी दोनों ले सकते हैं मुफ्त कानूनी सहायता

प्रभात खबर कार्यालय में लीगल काउंसलिंग.

– प्रभात खबर लीगल काउंसलिंग में अधिवक्ता रजनीश कुमार सिंह ने दी पाठकों को कानूनी सलाह

प्रभात खबर कार्यालय में रविवार को आयोजित लीगल काउंसलिंग में युवा अधिवक्ता रजनीश कुमार सिंह ने पाठकों को कानूनी सलाह दी. उन्होंने बताया कि किसी भी मुकदमे में वादी हो या प्रतिवादी, अगर वे आर्थिक रूप से कमजोर हैं और अधिवक्ता को फीस देने में अक्षम हैं, तो आसानी से मुफ्त कानूनी सहायता प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए संबंधित व्यक्ति को अपने इलाके स्थित विधिक सेवा प्राधिकार (लीगल सर्विसेज अथॉरिटी) में आवेदन करना होता है. आवेदन के साथ अपनी आय, आर्थिक स्थिति और जरूरी कागजात का विवरण देना पड़ता है. इसके बाद संबंधित प्राधिकार द्वारा जांच की जाती है और योग्य पाए जाने पर तुरंत मुफ्त अधिवक्ता उपलब्ध कराया जाता है. उन्होंने बताया कि यह सुविधा गरीब, निर्धन, महिला, बच्चे, अनुसूचित जाति-जनजाति, विकलांग और अन्य कमजोर वर्ग के लिए खास तौर पर है. सरकार ने संविधान और कानून के तहत यह व्यवस्था की है, ताकि कोई भी व्यक्ति आर्थिक कठिनाई के कारण न्याय से वंचित न रह सके. लीगल काउंसलिंग में अधिवक्ता ने बड़ी संख्या में पाठकों के सवालों का सहज

शब्दों में उत्तर दिया.

प्रस्तुत है कुछ प्रमुख प्रश्न और उसके उत्तर…

1. प्रश्न – मैं चार भाई हूं, मेरी उम्र अब 60 वर्ष हो गई है लेकिन आज तक जमीन बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई. जब भी हमलोग बंटवारा करना चाहते हैं, झगड़ा शुरू हो जाता है क्या करें.

माधव दास, मुंदीचक, भागलपुर

उत्तर – आप न्यायालय में बंटवारा सूट फाइल करें. उम्मीद है आपको न्याय मिलेगा.

2. प्रश्न – मैं बीपीएससी शिक्षिका हूं, शिक्षिका बनाने में मेरे पति का योगदान रहा है. लेकिन अब मेरे पति मेरे आवास में ही पड़े रहते हैं. घर भी नहीं के बराबर जाते हैं. पहले कुछ काम धंधा करते थे, वह भी छोड़ चुके हैं. दो बच्चों की भी जिम्मेदारी मुझपर ही है. मुझे क्या करना चाहिए ? मैं अपने पति से छुटकारा चाहती हूं.

एक पाठक, भागलपुर

उत्तर – अच्छा है आप दोनों आपस में खुल कर बात करें. आपसी समझ बनायें. उन्हें अपनी भावनाओं से अवगत कराएं. अगर बात नहीं बने तो आप दोनों सहमति से तलाक के लिए आवेदन कर सकते हैं.

3.मेरे एक वृद्ध व्यक्ति हूं, मेरी पत्नी भी वृद्धा है. अपना व्यवसाय व सब कुछ पुत्र को सौंप दिया, लगभग दस साल तो ठीक चला, लेकिन अब पुत्र और पुत्रवधू मुझे और मेरी पत्नी को परेशान करते हैं, जरूरत की सामग्री भी नहीं देते हैं. पैसे मांगने पर तो झगड़ा करने को उतारू हो जाते हैं, मुझे क्या करना चाहिए.

एक पाठक, भागलपुरउत्तर – आप भरण पोषण अधिकार के तहत अनुमंडल पदाधिकारी के कार्यालय में आवेदन दे सकते हैं. इस कानून के तहत चाहें तो अपनी पूरी संपत्ति वापस भी प्राप्त कर सकते हैं. 4.प्रश्न – मैं भागलपुर पढ़ने आयी थी, इस दौरान एक लड़के से प्यार हो गया. हम दोनों लीव इन में रहते हैं. इस बात की जानकारी दोनों के परिवारवालों को हो गयी है. मेरे परिवारवाले शादी के लिए दबाव बना रहे हैं लेकिन मेरा ब्वॉय फ्रेंड और उसके परिवारवाले टालमटोल कर रहे हैं, क्या करना चाहिए ?उत्तर – जब दोनों के परिवारवालों को सबकुछ जानकारी है तो मामले में दोनों पक्षों को खुल कर बातचीत करना चाहिए और आपसी समझ बना कर शादी की तारीख या समय तय करना चाहिए. अगर लड़के वाले तैयार न हो तो आप महिला थाना जा कर सभी प्रकार के साक्ष्यों के साथ प्राथमिकी दर्ज करायें, निश्चित रूप से आपके साथ न्याय होगा.

5. प्रश्न – पुस्तैनी जमीन की लगातार रसीद कटवा रहा हूं. पिछले दिनों मापी भी करवाया. लेकिन अब अमीन द्वारा दी गयी रिपोर्ट को दूसरा पक्ष मानने को तैयार नहीं है, क्या करना चाहिए ?राजकुमार पासवान, अकबरनगर, भागलपुर.

उत्तर – आप मामले को जनता दरबार में ले कर जाएं. प्रत्येक शनिवार को सभी थानों में जनता दरबार का आयोजन किया जाता है. जिसमें दोनों पक्षों की सहमति से मामले का निष्पादन किया जाता है. उम्मीद है आपके मामले का वहां निदान हो जाएगा.

6. प्रश्न – मैं टीएमबीयू की शिक्षक अभ्यर्थी हूं. अभ्यर्थियों की बहाली में अनियमितता की गयी है. मैं कथित अनियमितता के विरोध में नियुक्ति प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती देना चाहती हूं. क्या मुझे मुफ्त कानूनी सहायता मिल सकती है ?डा. मधुबाला सिन्हा, भागलपुर.

उत्तर – हां, आप राज्य विधिक सेवा प्राधिकार या जिला विधिक सेवा प्रधिकार में आवेदन करें. आपको निश्चित रूप से कानूनी सहायता मिलेगी.

7. प्रश्न – मैंने ऑटो की खरीददारी की थी और कुछ दिनों बाद ऑटो बेच दिया. बिक्री नामा भी बना है.जिसने ऑटो की खरीददारी की, उसने ऑटो से शराब की ढुलाई शुरू कर दी. कुछ दिन पहले पुलिस ने ऑटो को जब्त कर लिया. अब पुलिस बराबर मुझे और मेरे पुत्र को प्रताड़ित करती है. मुझे क्या करना चाहिए.

उत्तर – आप अपनी बातों से संबंधित थाना के थानाध्यक्ष और वरीय पुलिस पदाधिकारियों को अवगत करायें. अगर आप निर्दोष हैं तो निश्चित रूप से पुलिस आपको राहत देगी. 8. प्रश्न – पैतृक संपत्ति का बंटवारा कैसे होता है ?उत्तर – सर्वप्रथम आप सभी पक्षकारों की सहमति से एक वंशावली तैयार करें और अंचल कार्यालय में आप दाखिल खारिज के लिए आवेदन करें. आपकी पैतृक जमीन का आसानी से बंटवारा हो जाएगा.

परिवार में बनायें प्रेम, संवाद और धैर्य का वातावरण

परिवार समाज की सबसे मजबूत इकाई मानी जाती है और इसका आधार प्रेम, विश्वास और आपसी सहमति पर टिका होता है. विशेषज्ञों का मानना है कि परिवार में हर सदस्य को बराबरी का सम्मान मिलना चाहिए. आपसी समझ और सहयोग से ही घर का माहौल खुशनुमा और स्वस्थ रह सकता है. कई बार परिवारों में यह समस्या सामने आती है कि सदस्य एक-दूसरे के साथ मालिक की तरह व्यवहार करने लगते हैं. इससे तनाव और दूरी बढ़ जाती है. जबकि परिवार का मूल स्वरूप सेवा, समर्पण और अपनापन है. इसमें किसी पर दबाव डालने के बजाय बातचीत और सहमति से निर्णय लिए जाने चाहिए. विशेषज्ञों का कहना है कि परिवार का अस्तित्व तभी सार्थक होता है, जब उसमें प्रेम, संवाद और धैर्य का वातावरण हो. यही वे तत्व हैं जो परिवार को जोड़ते हैं और नई पीढ़ी को सही दिशा देते हैं.

प्रस्तुति – ऋषव मिश्रा कृष्णा

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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