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Bhagalpur news पावर प्लांट शिलान्यास को लेकर पंडाल का हो रहा निर्माण

पीरपैंती में 2400 मेगावाट पावर प्लांट का निर्माण अडानी पावर कंपनी करेगी. शिलान्यास को लेकर तैयारी जोर-शोर से चल रही है.

पीरपैंती में 2400 मेगावाट पावर प्लांट का निर्माण अडानी पावर कंपनी करेगी. शिलान्यास को लेकर तैयारी जोर-शोर से चल रही है. पावर प्लांट की चहारदीवारी को रंगरोगन किया जा चुका है. बचे घेराबंदी का कार्य तेज गति से चल रहा है. कार्यक्रम स्थल पर टेंट लगाया जा रहा है. टेंट लगाने वाली कंपनी के मैनेजर ने बताया कि करीब पांच से छह हजार लोगों की बैठने की व्यवस्था यहां की जा रही है. पंडाल वाटरप्रूफ बनाया जा रहा है. हर हाल में 14 तारीख तक यह पूरा हो जायेगा. शिलान्यास कार्यक्रम की आधिकारिक रूप से तिथि अभी तक तय नहीं हुई है, लेकिन प्रशासनिक तैयारी जोर-शोर से चल रही है. जिला से कार्यक्रम स्थल पर पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति कर दी गयी है. पीएम और सीएम की आने की संभावना को लेकर लोगों में खुशी की लहर है.

मंच पर गणमान्य लोगों के बैठने की व्यवस्था

पंडाल का निर्माण 100/300 फीट में कराया जा रहा है. मंच पर गणमान्य लोगों की बैठने की व्यवस्था की जा रही है. कार्यक्रम स्थल पर करीब 30 से 40 कामगार लगे हुए हैं, जो दिन-रात टेंट को सही कर रहे हैं. हर एक छोटी बड़ी चीजों का ख्याल बखूबी रखा जा रहा है और वाटरप्रूफ टेंट तैयार किया जा रहा है. ट्रकों में भरकर लगातार सामान कार्यक्रम स्थल पर पहुंचाया जा रहा है.

सुरक्षा व्यवस्था का विशेष ख्याल पिछले दिनों जब ऊर्जा सचिव पीरपैंती पहुंचे थे तब से हर एक छोटी-बड़ी चीजों को बैठक कर रणनीति बनायी गयी.सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरीके से सतर्क और अलर्ट है.अभी से ही कार्यक्रम स्थल पर पुलिस वालों की प्रतिनियुक्ति कर दी गयी है.

अंगिका को आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग

अंग जनपद की मातृभाषा अंगिका को उसका उचित संवैधानिक दर्जा दिलाने की पहल तेज हो गयी है. अखिल भारतीय अंगिका साहित्य कला मंच के प्रदेश महासचिव सुधीर कुमार प्रोग्रामर ने केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ रामनाथ ठाकुर को मांग पत्र सौंपा. मांग पत्र में कहा कि अंगिका सिर्फ बोलचाल की नहीं, बल्कि साहित्यिक दृष्टि से भी बेहद समृद्ध भाषा है. इसे संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करना आवश्यक है. उन्होंने बताया कि अंगिका पांच करोड़ लोगों की मातृभाषा है और साहित्य की लगभग हर विधा में इस भाषा में हजारों पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. टीएमबीयू में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर अंगिका की पढ़ाई वर्षों से हो रही है. उन्होंने प्रधानमंत्री से आशा व्यक्त की है कि वह अंगिका भाषा को उचित न्याय दिलाने की दिशा में ठोस कदम उठायेंगे.

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