सुलतानगंज प्रखंड के सभी पंचायतों में मनरेगा योजना के तहत नये कार्य पूरी तरह बंद हैं. काम की तलाश में मजदूर रोजाना मनरेगा कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है. वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक एक भी नयी योजना शुरू नहीं हो सकी है, जबकि केवल पुरानी योजनाओं पर ही कार्य किया जा रहा है. मजदूरों का कहना है कि कई पंचायतों में पुरानी योजनाएं फिलहाल बंद पड़ी हैं और नयी योजनाओं का कोई अता-पता नहीं है. वर्तमान में सिर्फ मजदूरों के जॉब कार्ड का ई-केवाईसी करने की प्रक्रिया ही तेजी से चल रही है. मजदूरों ने बताया कि 15 अक्तूबर से काम शुरू होना था, लेकिन आचार संहिता लागू होने के कारण अब तक कोई नया कार्य प्रारंभ नहीं किया गया. एक लाख 14 हजार लगभग मनरेगा मजदूर कार्ड सक्रिय है. इन दिनों सिर्फ मजदूरों के जॉब कार्ड का ई- केवाईसी करने का प्रक्रिया चल रही है. बताया गया कि जबतक 50 प्रतिशत मजदूरों का कार्ड ई केवाईसी पूरा नहीं होगा, तब तक काम शुरू करना मुश्किल है. बड़े पैमाने पर मजदूर पंचायत छोड़ कर शहर जा रहे हैं. बताया कि मनरेगा में सौ दिन काम की गारंटी होती है. सीजन में काम शुरू नहीं किया जायेगा, तो सौ दिन का काम मिलना मुश्किल हो जायेगा. कई पंचायतों का कार्य योजना बना कर मनरेगा पदाधिकारी को दिया गया है, जिसमे कई योजना बेहद जरूरी है. फिलहाल नयी योजनाओं को लेकर मजदूरों को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है. इस संबंध में कार्यक्रम पदाधिकारी, सुलतानगंज सुजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि पंचायतों में ई-केवाईसी का कार्य चल रहा है और पुरानी योजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है. उन्होंने कहा कि जैसे ही पुरानी योजनाएं पूर्ण होंगी, विभागीय निर्देशानुसार नयी योजनाएं शुरू की जायेंगी. किसी पंचायत से काम का डिमांड नहीं आया है. काम मांगने वाले मजदूर को काम दिया जायेगा.कुछ परेशानी है, उसको दूर किया जा रहा है.
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