जिले के विभिन्न स्थानों पर रविवार को सुहागिनों ने करवा चौथ का व्रत रखा और संध्या में चांद का दीदार करके पति के दीर्घायु की कामना की. शहर के खासकर मारवाड़ी बहुल क्षेत्र लहरी टोला, पटल बाबू रोड, आनंद चिकित्सालय रोड, गोभीबाड़ी, द्वारिकापुरी, मारवाड़ी टोला, चुनिहारी टोला, सिख, सिंधी व पंजाबी बहुल क्षेत्र गुरुद्वारा रोड, सिकंदरपुर, मुंदीचक आदि मोहल्ले में उत्सवी माहौल दिखा. गुरुद्वारा में सामूहिक करवा चौथ की कथा व थाली घुमाने का हुआ रस्म शाह मार्केट के समीप स्थित गुरुद्वारा की छत पर सामूहिक रूप से करवा चौथ की कथा हुई और थाली घुमाने का रस्म हुआ. संध्या में सामूहिक रूप से सिख, सिंधी व पंजाबी समाज की सुहागिनों ने चांद का दीदार चालनी से किया. व्रतियों का कहना था शरद पूर्णिमा की चौथी तिथि पर हरेक वर्ष यह व्रत किया जाता है. गुरुद्वारा साहिब के ग्रंथी सरदार जसपाल सिंह ने कार्यक्रम का संयोजन किया. गुरुद्वारा परिसर में अरदास किया गया, पूरे आयोजन का संचालन श्री गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के संरक्षक खेमचंद बचयानी, अध्यक्ष ताजेंदर सिंह, सचिव बलवीर सिंह, कोषाध्यक्ष मंजीत सिंह आदि ने किया. व्रतियों में दलजीत कौर, मुन्नी कौर, हरप्रीत नागपाल, स्वाति नागपाल, पिंकी पावा, हैप्पी अंबा, कंगना सौड़ी, निकिता सौड़ी, प्रिया नागपाल समेत 30 महिलाएं शामिल थीं. मारवाड़ी समाज की महिलाओं ने रखा उपवास वहीं मारवाड़ी समाज की सामाजिक कार्यकर्ता मधु देवी झुनझुनवाला ने पति सीए प्रदीप झुनझुनवाला की दीर्घायु के लिए व्रत रखा और कहा कि करवा चौथ प्रेम, तपस्या, और समर्पण की पराकाष्ठा का पर्व है. यह वह दिन है, जब महिलाएं अपने पति की सुख-समृद्धि के लिए संकल्पित होती हैं. यह व्रत न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह पति-पत्नी के बीच के अटूट प्रेम और निष्ठा का प्रतीक भी है. चुनिहारी टोला की मोनू जालान, नीमा खेतान, ममता देवी, अर्चना कानोडिया, खरमनचक की बुलबुल खेमका आदि ने भी व्रत रखा. उनका कहना था कि सुबह चार बजे सरगी अर्थात कुछ मीठा या फल आदि खाया और दिनभर उपवास रखा, शाम में चांद का दीदार होने के बाद ही व्रतियों ने व्रत तोड़ा.
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