Mango In Bihar: फलों का राजा आम का सीजन आ चुका है. बिहार में आम की कई वैरायटी बेहद खास है जैसे कि, जर्दालु आम, सीपीया, बीज्जू, मालदा के अलावा कई नाम शामिल है. ऐसे में ही आम की एक और वैरायटी है मियाजाकी आम, जो बेहद खास और कीमती होता है. बता दें कि, कचहरी चौक व भीखनपुर मध्य स्थित सीए प्रदीप झुनझुनवाला के आवास परिसर में और बाइपास स्थित पर्यावरण प्रेमी दीपक झा ने अपने नर्सरी में मियाजाकी आम की खेती का दावा किया है.
700 रुपये में मिलता है मियाजाकी का पौधा
इसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में दो से ढाई लाख रुपये प्रति किलो है. मियाजाकी आम जापान के मियाजाकी शहर में उगाया जाता है. वहीं से इसका नाम पड़ा है. वरिष्ठ सीए प्रदीप झुनझुनवाला ने बताया कि, चार साल पहले कोलकाता से 700 रुपये में मियाजाकी आम का पौधा लाया था. अपने आवास परिसर में ही अलग-अलग वैरायटी के आम, लीची, सपाटू आदि के पेड़ लगाये हैं, जिसमें मियाजाकी पौधा भी लगाये. इस बार उनके पेड़ में आम फले है, जिससे काफी खुशी हो रही है. यहां बंदरों का प्रकोप है, फिर भी पेड़ में 30 से 40 फल लगे हैं.
पूरी तरह कर रहे जैविक खेती
पर्यावरण प्रेमी दीपक झा ने बताया कि, उनके नर्सरी से कई जिलों के लोग अलग-अलग वैरायटी के पौधे ले जाते हैं. अमरूद, पपीता, सेब, मौसमी, नींबू, संतरा, इलायची, अगरवुड के साथ-साथ मियाजाकी आम भी इस बार हुआ. उन्होंने कहा कि, बगीचे में पूरी तरह जैविक खेती करते हैं. किसी भी प्रकार के रासायनिक खाद या कीटनाशकों का उपयोग नहीं करते. छोटे गमले में पौधे पिछले साल लगाया. इस बार आंधी-बारिश के बाद भी 10 फल सुरक्षित रह गये. उनका मानना है कि, मिट्टी को जहर से नहीं, पोषण से मजबूत बनाना चाहिए. यही कारण है कि उनके बगीचे का हर फल स्वाद और गुणवत्ता दोनों में बेहतरीन है.
आम की सुरक्षा के लिए लगाया है सीसीटीवी कैमरा
इधर, सीए प्रदीप झुनझुनवाला ने सुरक्षा के लिहाज पहले से ही सीसीटीवी कैमरा लगाया है. आम समेत अन्य पौधे की देखभाल के लिए एक स्टाफ रखा है. आम के फलने के साथ ही इसकी निगरानी शुरू हो गई है. ताकि किसी प्रकार की चोरी या नुकसान से इसे बचाया जा सके. मियाजाकी आम न केवल महंगा है. बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी बेहद फायदेमंद माना जाता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट, बीटा कैरोटीन और फोलिक एसिड जैसे तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. साथ ही इसमें शुगर कंटेंट भी 15% या उससे अधिक होता है. इस किस्म की खेती के लिए तेज धूप और अधिक वर्षा उपयुक्त मानी जाती है. कोढ़ा की जलवायु इस आम के लिए बिल्कुल अनुकूल साबित हो रही है.
(भागलपुर से दीपक राव की रिपोर्ट)
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