-ईस्टर पर मसीही समाज के लोगों ने कब्रिस्तान पर मोमबत्ती जलाकर प्रार्थना कीवरीय संवाददाता, भागलपुर
प्रभु यीशु मसीह के पुनरुत्थान पर्व ईस्टर की पूर्व संध्या पर शनिवार को संत बेनेडिक्ट चर्च, कचहरी चौक एवं क्राइस्ट चर्च घंटाघर में विशेष पास्का जागरण किया गया. रविवार को नाथनगर सीटीएस व परबत्ती स्थित कब्रिस्तान में मोमबत्ती प्रज्वलित करके ज्योति गुणगान किया गया. बाइबिल का पाठ कर विश्व कल्याण की कामना की. दूसरों के सुख के लिए कष्ट सहने और दीन-दुखियों की सेवा का संकल्प दिलाया गया.प्रार्थना सभा कर पूर्वजों को किया याद
मसीह समाज ने चर्च में प्रार्थना के साथ ही पूर्वजों की याद में उनके कब्रों पर मोमबत्तियां जलायी. गुड फ्राइडे के तीसरे दिन प्रभु ईसा मसीह के पुनर्जीवित होने की खुशी में जिले के विभिन्न स्थानों में भी ईस्टर श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया. चर्चों में विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की गयी, जिनमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया. इस दौरान लोग एक-दूसरे को बधाई दी और ईसा मसीह के पुनरुत्थान की खुशी मनायी.क्राइस्ट चर्च के फादर प्रदीप हांसदा ने कहा कि ईस्टर, ईसाई धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो ईसा मसीह के पुनरुत्थान की खुशी मनाया जाता है. ईसाइयों का मानना है कि ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाने के तीन दिन बाद, वे फिर से जीवित हो उठे थे. इससे पहले, लोग चर्चों में प्रार्थना की और उपवास रखा.
प्रेम, करुणा,दया व विनम्रता को जीवन में लाने का लिया संकल्पसंत बेनेडिक्ट चर्च, कचहरी चौक के फादर थॉमस ने कहा कि ईस्टर पर्व के दौरान मोमबत्तियां जलाकर नये जीवन की शुरुआत का संकल्प लिया. मोमबत्ती की रोशनी नये स्वभाव का संदेश देती है, जैसे कि प्रभु यीशु ने दूसरों को रोशनी देने का संदेश दिया. इस अवसर पर, बुराई को त्याग कर नया स्वभाव अपनाने, अच्छी आदतें अपना कर दूसरों की भलायी करने, प्रेम, करुणा, दया और विनम्रता को जीवन में लाने का संकल्प लिया. इस प्रार्थना में मोमबत्ती की रोशनी प्रभु यीशु के पुनरुत्थान का प्रतीक है, जो नये जीवन और आशा का संदेश देती है. इस अवसर पर, लोग अपनी बुरी आदतों और बुरे स्वभाव को त्याग कर, प्रेम और दया से जीवन जीने का संकल्प लेते हैं. प्रभु यीशु के पुनरुत्थान का पर्व नवज्योति जलाकर मनाया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है