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Bhagalpur news भगवान के कथा सुनकर श्रोता हुए भावुक

कहलगांव श्यामपुर स्थित महंत बाबा स्थान में विश्व कल्याणार्थ आयोजित 11 कुंडीय श्री लक्ष्मी-नारायण महायज्ञ

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कहलगांव श्यामपुर स्थित महंत बाबा स्थान में विश्व कल्याणार्थ आयोजित 11 कुंडीय श्री लक्ष्मी-नारायण महायज्ञ में अंतिम दिन अयोध्या धाम से आयी साध्वी धर्म मूर्ति जी ने रामकथा श्रवण कराते कहा कि भगवान श्रीराम गंगा तट पहुंचते हैं और केवट से कहते हैं कि हमें नाव से गंगा पार करा दो. केवट कहता है, प्रभु मैं आपके मरम को जानता हूँ, आपके चरणों में जादू है, जो पत्थर से स्पर्श होने पर मुनि की स्त्री बन जाती है. मेरी काठ की नाव उस पत्थर से कोमल है, यदि मेरी नाव, नारी बन गयी तो, हमारे सारे परिवार के लोग भूखे मर जायेंगे, मेरे पास कोई दूसरा रोजगार नहीं है. इसी नाव के सहारे मैं अपना जीवन-यापन करता हूं. प्रभु श्रीराम केवट से बार-बार उस पार उतारने को कहते हैं. तब केवट कहता है कि अगर आप उस पार जाना चाहते हैं, तो मुझे आदेश दीजिए मैं आपके चरणों को पखारुंगा. तब अपनी नाव पर आपको बैठाकर उस पार उतारुंगा. भगवान श्रीराम ने आदेश दिया केवट ने प्रभु श्रीराम के चरणों को पखारा, उसके बाद श्रीराम, लक्ष्मण और माता सीता को नाव में बैठाकर उस पार उतारा. कथा सुनने के लिए श्यामपुर सहित आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु की भीड़ लगी रही. मौके पर आयोजन समिति के सदस्य मौजूद थे. अंतिम दिन सभी यज्ञ कमेटी के सदस्यों ने एक साथ हवन पूजन किया.

माता-पिता की पुण्यस्मृति पर सत्संग कराने से पितर होते हैं प्रसन्न : स्वामी भागवतानन्द

नवगछिया अनुमंडल के गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र के रंगराचौक प्रखंड के सधुआ ग्राम के गुप्ता विवाह भवन में वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता ने अपने माता-पिता स्व सरस्वती गुप्ता व स्व धनेश्वर प्रसाद गुप्ता की तृतीय पुण्यस्मृति में महर्षि मेंहीं भागवत धाम शेरमारी, पीरपैंती के संस्थापक आचार्य स्वामी भागवतानन्द जी महाराज के मुख्य आतिथ्य में संतमत सत्संग कराया. मुख्य प्रवक्ता आचार्य स्वामी भागवतानंद जी महाराज ने कहा कि माता-पिता की पुण्यस्मृति पर सत्संग करने से पितर प्रसन्न होते हैं. वंश को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. उन्होंने स्वरचित भजन मेंहीं बाबा लिहले जनमवां हो बाबू बबूजन अंगनवां गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. संस्कृताचार्य डॉ शिवनाथ रविदास उर्फ चहकनाथ भागलपुरी ने कहा कि एक मनुष्य में ही मुक्ति का द्वार है, बाकी किसी शरीर में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है, यहां तक कि देवताओं में भी नहीं है. सेवक ब्रह्मचारी हरीश बाबा ने भी अपनी प्रस्तुति दी. आयोजकों में वीरेंद्र गुप्ता, बबिता गुप्ता, नैन्सी गुप्ता, राहुल गुप्ता और नैनी गुप्ता ने अभ्यागतों का काफी सेवा-सत्कार किया. मौके पर संतोष बाबा, महेंद्र दास, सुभाष दास, सुबोध यादव सहित सैकड़ों श्रद्धालु भाई-बंधु, माताएं-बहनें उपस्थित थी. श्रद्धालुओं में प्रसाद व भंडारे का वितरण किया गया.

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