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दिनकर की डायरी से लेकर रेणु की पलटू बाबू रोड तक, ग्राम पंचायत कार्यालय की लाइब्रेरी में सब होगा सुशोभित

ग्राम पंचायत कार्यालय के एक कमरे में बनेगा पुस्तकालय, पंचायत राज विभाग मुख्यालय से पुस्तकें खरीदने का निर्देश बिहार के प्रसिद्ध लेखकों की 323 और देश के प्रसिद्ध लेखकों की 303 कृतियों की सूची भेजी गयी

भागलपुर. पुस्तकालय में बैठ कर पुस्तकें पढ़ने की लगभग मिट चुकी परंपरा एक बार फिर जागृत करने की कोशिश पंचायत राज विभाग के स्तर से शुरू की गयी है. निर्णय लिया गया है कि सभी ग्राम पंचायत कार्यालयों के एक कमरे में पुस्तकालय बनाया जायेगा. इसमें देश भर के प्रसिद्ध लेखकों, साहित्यकारों, कवियों की प्रकाशित पुस्तकें खरीद कर रखी जायेगी. विभाग की अपर सचिव कल्पना कुमारी ने जिला पंचायत राज पदाधिकारी को पुस्तकालयों के निर्माण व पुस्तकें खरीद करने का निर्देश दिया है.

यहां सिर्फ प्रसिद्ध लेखकों की पुस्तकें ही नहीं, दो अखबार, महिला सशक्तीकरण, बाल विकास व ग्रामीण विकास से संबंधित मासिक पत्रिका और उपयोगी पत्र-पत्रिकाएं भी उपलब्ध रहेंगी. पत्र-पत्रिकाओं की खरीद पर प्रतिवर्ष 5,000 रुपये तक खर्च किया जायेगा. साहित्य की किताबों के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायतों में लगभग दो लाख रुपये तक एक वर्ष में व्यय किया जा सकेगा. प्रतियोगी परीक्षाओं की पुस्तकों की सूची बाद में विभाग भेजेगा.

पंचायत भवन नहीं रहने पर निजी भवन में बनेगा पुस्तकालय

ग्राम पंचायत स्तर पर फिजिकल व डिजिटल स्तर के पुस्तकालय संचालित होंगे. यह पंचायत सरकार भवन में संचालित होगा. जहां पंचायत सरकार भवन नहीं हैं, वहां सामुदायिक भवन या किसी अन्य भवन में संचालित किया जायेगा. इसके लिए पंचायतें अपने गांवों में किसी भवन मालिक से एकरारनामा कर पुस्तकालय संचालित करेंगे.

300 वर्गफीट की जगह में होगा पुस्तकालयपुस्तकालय के लिए न्यूनतम 300 वर्गफीट जगह की आवश्यकता होगी. पंचायत कार्यालय में एक कमरा पुस्तकालय के लिए चिह्नित किया जायेगा. किताबें रखने के लिए कम से कम दो अलमीरा, बुक सेल्फ, अध्ययन डेस्क, टेबुल आदि व अन्य उपस्कर की व्यवस्था की जायेगी. पुस्तकालय में प्रतिदिन एक प्रतिष्ठित हिंदी दैनिक अखबार उपलब्ध कराया जायेगा. इसका भुगतान पंचायत कोष से होगा. पुस्तकालय को समृद्ध करने के लिए दान में भी पुस्तकें प्राप्त की जा सकेंगी.

पुस्तकालय की सदस्यता निःशुल्क होगी. पुस्तकालय के सदस्य 100 रुपये की सिक्यूरिटी डिपॉजिट पर अधिकतम 15 दिनों के लिए तीन किताबें एक बार में अध्ययन के लिए ले जा सकेंगे. पुस्तकालय में चार प्रशाखाएं डिजिटल लर्निंग प्रशाखा, बाल साहित्य एवं साहित्य प्रशाखा, समाचार-पत्र, जर्नल्स, पेरियोडिकल्स व पुस्तकों से संबंधित प्रशाखा और प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी एवं स्व-अध्ययन से संबंधित प्रशाखा होंगी. प्रत्येक पुस्तकालय में कम से कम इंटरनेट युक्त दो कंप्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर आदि उपलब्ध होंगे. कंप्यूटर पर सोशल मीडिया, अवांछित वेबसाइटें प्रतिबंधित रहेंगी.

कुछ प्रमुख पुस्तकें, जो पुस्तकालय में रहेंगी

डॉ राजेंद्र प्रसाद की खंडित भारत, आत्मकथा, डॉ रामधारी सिंह दिनकर की प्राणभंग, हुंकार, कुरुक्षेत्र, बापू, मिट्टी की ओर, रश्मिरथी, सूरज का ब्याह, दिनकर की डायरी, फणीश्वर नाथ रेणु की मैला आंचल, परती परिकथा, जुलूस, पलटू बाबू रोड, ठुमरी, एक आदिम रात्रि की महक, जानकी बल्लभ शास्त्री की दो तिनकों का घोंसला, कानन, अपर्णा, सत्यकाम, डॉ जगदीश प्रसाद सिंह की नटनारायण, विजय पर्व, गोधूलि, राजा राधिकारमण सिंह की राम-रहीम, कुसुमांजलि, राहुल सांकृत्यायन की बाईसवीं सदी, भागो नहीं, दुनिया को बदलो, भिखारी ठाकुर की बिदेशिया, कलयुग प्रेम, ननद-भौजाई, आरसी प्रसाद सिंह की सैर सपाटा, नागार्जुन की युगधारा, सतरंगे पंखों वाली, खिचड़ी विप्लव देखा हमने, बाबा बटेसरनाथ, विद्यापति की कीर्तिलता, पुरुष-परीक्षा, मुल्ला दाऊद की चंदायन, स्वामी विवेकानंद की राजयोग, महात्मा गांधी की हिंद स्वराज आदि.

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Anand Shekhar
Anand Shekhar
Dedicated digital media journalist with more than 2 years of experience in Bihar. Started journey of journalism from Prabhat Khabar and currently working as Content Writer.

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