सुलतानगंज प्रखंड की कुमैठा पंचायत की मुखिया अनिता देवी हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर लिया है. मुखिया के साथ अंगरक्षक बनकर रहने वाले कुमैठा के श्यामपुर निवासी मोहक कुमार ने ही अपने साथी खगड़िया जिले के परबत्ता थाना क्षेत्र के दीपक कुमार के साथ मिलकर हत्या की थी.
घर के अंदर ही हत्या कर फंदे से लटका दिया गया था
गुरुवार को विधि व्यवस्था डीएसपी डाॅ गौरव कुमार ने प्रेस वार्ता कर बताया कि 31 मार्च को तत्कालीन मुखिया अनिता देवी की उनके घर के अंदर ही हत्या कर फंदे से लटका दिया गया था. घटना के बाद ग्रामीणों ने मोहक और उसके साथी दीपक को पकड़ लिया था और उनकी जमकर पिटाई कर दी थी. जिन्हें ग्रामीणों के चंगुल से छुड़ा कर पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पूछताछ में दोनों ने हत्या करने की बात स्वीकारते हुए हत्या करने के कारणों के बारे में भी बताया. प्रेस वार्ता में बाथ थानाध्यक्ष मनीष कुमार भी मौजूद थे.
कहानी जो सामने आयी
घटना के बाद पुलिस ने मुखिया का मोबाइल जब्त कर लिया था. उससे निकाले गये डिटेल से भी कई साक्ष्य मिले हैं. मोहक मुखिया का ड्राइवर के साथ साथ बॉडीगार्ड का भी काम करता था. मुखिया का सारा काम वही देखता था. वह मुखिया पर हमेशा दबाव बनाता था कि पंचायत की सभी योजनाओं का संचालन उसके मन मुताबिक हो. वह हमेशा मुखिया पर दबाव बनाकर योजनाओं के संचालन को लेकर हस्ताक्षर कराना चाहता था, लेकिन मुखिया उसकी बात नहीं मानती थी.
मुखिया ने उसे कई बार अपने कामकाज में दखलंदाजी नहीं देने की हिदायत भी दी थी. इससे नाराज मोहक ने साजिश रचते हुए पहले वह अपराधियों से मुखिया को धमकी दिलाता था, फिर समझौता भी कराता था. इससे मुखिया हमेशा डरी हुई रहती थीं. हालांकि इसके बावजूद वह योजनाओं के क्रियान्वयन में मोहक को दखल नहीं देने दे रही थी. इससे गुस्साये मोहक ने अपराधियों के साथ मुखिया के घर जाकर उन्हें जान से मारने की धमकी डे डाली थी. साथ ही वह बार-बार मोबाइल पर भी उन्हें हत्या की धमकी दे रहा था.
पुलिस ने मुखिया के परिजनों से पूछताछ की तो पता चला कि कुछ दिन पहले मोहक हथियार लेकर मुखिया के घर आया था और धमकी देकर योजनाओं का लाभ देने को कहा था. बार-बार की धमकी के बाद भी जब मुखिया ने उसकी बात मानने से इन्कार कर दिया तब उसने दीपक के साथ मिलकर उनकी हत्या की योजना बनायी.
क्या कहते हैं डीएसपी
डीएसपी ने बताया कि दोनों आरोपितों को घटना वाले दिन ही गिरफ्तार कर लिया गया था. अभी वे जेल में हैं. एसएफसीएल सहित अन्य रिपोर्ट आनी बाकी है. मुखिया के मोबाइल में भी कई राज हो सकते हैं, जिन्हें खंगाला जा रहा है.