गंगा के रौद्र रूप से त्रस्त सुलतानगंज की महिलाएं हाथ जोड़ कर गंगा मईया से प्रार्थना कर रही हैं, हे मईया, अब लौट जाओ… सखी देवी (60) बचे-खुचे सामान के साथ ऊंचे स्थान पर बैठी है. वह कहती हैं, बाढ़ ने जीना मुश्किल कर दिया है. घर-खेत सब चौपट हो गये, अब जान बचाना चुनौती है. आसपास के कई गांव पानी में डूबे हैं. लोग गांव छोड़ सुरक्षित स्थान की ओर जाने की मशक्कत कर रहे हैं. मुखिया भरत कुमार बताते हैं कि पशुओं के चारे व शौचालय की कमी नयी समस्या बन गयी है. मिरहट्टी पंचायत के पतोराडीह में जिप सदस्य अरुण कुमार दास ने गुरुवार को चार अस्थायी शौचालय बनवाने का पहल की. गांवों को जोड़ने वाली सड़कों के डूबने से आवागमन ठप है.
बाढ़ का पानी घटा, सामुदायिक किचन की संख्या घटी
कई पंचायत और नप के कुछ वार्ड अब भी बाढ़ की चपेट में हैं. पुराने मोतीचक के लोगों ने कहा कि समय रहते ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव नहीं किया गया, तो संक्रमण फैल सकता है. प्रखंड में बाढ़ पीड़ितों के लिए चिह्नित स्थानों पर सामुदायिक किचन की व्यवस्था की गयी थी, लेकिन जलस्तर घटने से इसकी संख्या घटा दी गयी है. सीओ रवि कुमार ने बताया कि अब आवश्यकता के अनुसार ही सामुदायिक किचन चलाये जा रहे हैं.
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में घुसा बाढ़ का पानी
गोपालपुर धरहरा में स्थित हेल्थ सब सेंटर सह हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में बाढ़ का पानी प्रवेश करने से स्वास्थ्य उपकेंद्र में ओपीडी सेवा स्थगित कर दी गयी है.
नाराज ग्रामीणों ने अंचल कार्यालय के बाहर किया हंगामा
पीरपैंती अंचल कार्यालय के बाहर परशुरामपुर पंचायत व बाढ़ ग्रस्त पंचायतों से आये ग्रामीणों ने पॉलीथिन वितरण की मांग कर हंगामा किया. ग्रामीणों ने मवेशियों के लिए भी पॉलीथिन की व्यवस्था करने की मांग की. सीओ चंद्रशेखर कुमार ने बताया कि पॉलीथिन बंटने की अफवाह को लेकर ग्रामीण अचानक से जुट गये. प्रशासन की ओर से गांव में पॉलीथिन बांटा गया है. जरूरत के हिसाब से पॉलीथिन उपलब्ध कराया जायेगा. वैसे लोग जो अफवाह फैला रहे हैं, उनपर कार्रवाई की जायेगी.
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