सदर अस्पताल में प्रसव के दौरान मातृ मृत्यु के कारणों की पड़ताल के लिए परिजनों के साथ बैठक भागलपुर. सदर अस्पताल के सभागार में शुक्रवार को प्रसव के दौरान मातृ मृत्यु के कारणों की पड़ताल के लिए मृतकों के परिजनों के साथ बैठक की गयी. कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ धनंजय कुमार ने की. बैठक की जानकारी देते हुए डॉ धनंजय ने बताया कि परिजनों से बातचीत कर हाल ही में मातृ मृत्यु के कारणों का पता किया गया. नाथनगर, सुलतानगंज, खरीक व सबौर समेत चार प्रखंड के पांच अभिभावकों को बुलाया गया था. समीक्षा के बाद पता चला कि तीन केस में झोला छाप व अवैध अस्पताल में प्रसव के बाद मौत हो गयी थी. वहीं एक केस में दलाल की भूमिका रही थी. इसमें प्रसूती महिला के परिजन को झांसे में लेकर मायागंज अस्पताल से दलाल लेकर प्राइवेट क्लीनिक चले गये थे. जब प्राइवेट क्लीनिक में स्थिति गंभीर हो गयी, तब महिला को फिर से मायागंज अस्पताल भेज दिया गया. महिला को नहीं बचाया जा सका. वहीं पांचवें केस में गर्भवती की मौत कार्डियक अरेस्ट से हुआ था. डॉ धनंजय ने बताया कि परिजनों में जानकारी का अभाव के कारण भी ऐसा हुआ है. ट्रांसपोर्ट की समस्या के कारण अस्पताल पहुंचने में विलंब हुआ. अब पांच मातृ मृत्यु की रिपोर्ट को तैयार कर राज्यस्तरीय पोर्टल पर अपलोड कर देंगे. इसके बाद सुधार से संबंधित निर्णय लिये जायेंगे. सिर्फ मौत के कारणों को समझने के लिए यह मीटिंग हुई. इसके बाद ऐसी परिस्थिति फिर से उत्पन्न हो, जिससे किसी महिला की मौत हो जाये. मीटिंग में सदर अस्पताल की स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ फौजिया ने बताया कि डिलीवरी के 48 घंटे तक मां को विशेष देखरेख की जरूरत है. बैठक में स्वास्थ्यकर्मी सन्नी कुमार समेत अन्य कर्मी थे. अवैध क्लीनिक व दलाल के चक्कर में पांच गर्भवती की मौत- सदर अस्पताल में प्रसव के दौरान मातृ मृत्यु के कारणों की पड़ताल के लिए परिजनों के साथ बैठकवरीय संवाददाता, भागलपुरसदर अस्पताल के सभागार में शुक्रवार को प्रसव के दौरान मातृ मृत्यु के कारणों की पड़ताल के लिए मृतकों के परिजनों के साथ बैठक की गयी. कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ धनंजय कुमार ने की. बैठक की जानकारी देते हुए डॉ धनंजय ने बताया कि परिजनों से बातचीत कर हाल ही में मातृ मृत्यु के कारणों का पता किया गया. नाथनगर, सुलतानगंज, खरीक व सबौर समेत चार प्रखंड के पांच अभिभावकों को बुलाया गया था. समीक्षा के बाद पता चला कि तीन केस में झोला छाप व अवैध अस्पताल में प्रसव के बाद मौत हो गयी थी. वहीं एक केस में दलाल की भूमिका रही थी. इसमें प्रसूती महिला के परिजन को झांसे में लेकर मायागंज अस्पताल से दलाल लेकर प्राइवेट क्लीनिक चले गये थे. जब प्राइवेट क्लीनिक में स्थिति गंभीर हो गयी, तब महिला को फिर से मायागंज अस्पताल भेज दिया गया. महिला को नहीं बचाया जा सका. वहीं पांचवें केस में गर्भवती की मौत कार्डियक अरेस्ट से हुआ था. डॉ धनंजय ने बताया कि परिजनों में जानकारी का अभाव के कारण भी ऐसा हुआ है. ट्रांसपोर्ट की समस्या के कारण अस्पताल पहुंचने में विलंब हुआ. अब पांच मातृ मृत्यु की रिपोर्ट को तैयार कर राज्यस्तरीय पोर्टल पर अपलोड कर देंगे. इसके बाद सुधार से संबंधित निर्णय लिये जायेंगे. सिर्फ मौत के कारणों को समझने के लिए यह मीटिंग हुई. इसके बाद ऐसी परिस्थिति फिर से उत्पन्न हो, जिससे किसी महिला की मौत हो जाये. मीटिंग में सदर अस्पताल की स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ फौजिया ने बताया कि डिलीवरी के 48 घंटे तक मां को विशेष देखरेख की जरूरत है. बैठक में स्वास्थ्यकर्मी सन्नी कुमार समेत अन्य कर्मी थे.
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