– एनआइए के लौटने के बाद मोहल्ला सहित पूरे शहर में हो रही तरह-तरह की चर्चा
संवाददाता, भागलपुर
जाली नोट बरामदगी सहित आतंकी और पाकिस्तान कनेक्शन मामले में भीखनपुर निवासी नजरे सद्दाम के घर हुए एनआइए के रेड के बाद पूरे शहर में चर्चाओं का बाजार गर्म रहा. मोहल्ले के लोगों और शहर के कुछ प्रबुद्ध लोगाें के बीच भागलपुर के लोगों का लगातार कई मामलों में आतंकी व अंतरराज्यीय अपराध के मामलों से लिंक जुड़ने को चिंतनीय बताया जा रहा है. बुधवार को ही एनआइए की टीम ने करीब पांच घंटे तक छापेमारी की और इसके बाद टीम वापस लौट गयी. जानकारी के अनुसार एनआइए की ओर से परिवार के लोगों का सत्यापन किये जाने के बाद भागलपुर पुलिस को भी कुछ जिम्मेदारी सौंपी गयी है. जिसमें नजरे सद्दाम के दोस्तों, करीबियों व अन्य रिश्तेदारों के नाम की सूची तैयार करने और उनका सत्यापन करने का जिम्मा सौंपा है.जानकारी के अनुसार नजरे सद्दाम के दोस्तों, करीबियों और रिश्तेदारों के सत्यापन के दौरान पुलिस उनके आपराधिक पृष्ठभूमि से लेकर उनके पारिवारिक इतिहास तक का पता करेगी. साथ ही पुलिस यह भी कोशिश करेगी कि दोस्तों, करीबियों और रिश्तेदारों द्वारा कब आखिरी बार नजरे सद्दाम से संपर्क किया गया था. इसकी भी जानकारी एकत्रित करनी होगी. साथ ही उनके मोबाइल नंबरों को भी लेकर सीडीआर की जांच की जा सकती है. साथ ही इसका भी मिलान हो सकता है कि लोगों द्वारा दी गयी जानकारी सही है या नहीं. इसके अलावा नजरे सद्दाम द्वारा चलाये जा रहे एनजीओ में फंडिंग करने वाले भागलपुर से जुड़े लोगों का भी सत्यापन किया जा सकता है.हाई क्वालिटी फेक इंडियन करंसी नोट्स की वजह से मामला प्रकाश में आया
एफआइसीएन (फेक इंडियन करंसी नोट्स) मामलों में आय दिन कार्रवाई की जाती है, जानकारों की मानें तो एनआइए या राष्ट्रीय सुरक्षा जांच एजेंसियां ऐसे ही मामलों पर संज्ञान लेती है जोकि हाई क्वालिटी एफआइसीएन होते हैं. जिसका मतलब यह है कि ऐसे जाली नोट जोकि बिल्कुल वास्तविक नोट से मिलती हो. विगत 5 सितंबर 2024 को मोतीहारी पुलिस जिला के बंजरिया इलाके में मौजूद खरवा पुल के पास वाहन चेकिंग के दौरान 1.95 लाख रुपये के जाली नोट पकड़े गये थे. जिसमें भागलपुर निवासी नजरे सद्दाम, भोजपुर निवासी मो वारिस और पटना निवासी जाकिर हुसैन को गिरफ्तार किया गया था. उन तीनों की निशानदेही पर पुलिस ने कश्मीर के अनंतनाग इलाके से मुजफ्फर अहमद वानी उर्फ सरफराज की गिरफ्तारी की थी. जिसका सीधा-सीधा आतंकी ओर पाकिस्तानी कनेक्शन मिला था. उक्त मामले में मोतीहारी में केस दर्ज किये जाने के बाद विगत दिसंबर 2024 में केस को एनआइए को अग्रतर और देश विरोधी कार्यों में जुड़े लोगों और गतिविधि की जांच के लिए सुपुर्द कर दिया गया था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है