भागलपुर टीएमबीयू के पेंशनर पेंशन, सेवांतलाभ आदि मामलों को लेकर विभिन्न समस्याओं का सामना कर रहे हैं. टीएमबीयू पीजी उर्दू विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो शीरी जुबा खानम ने कहा कि शिक्षक थे, तो तुरंत सुनवाई होती थी, रिटायर होने के बाद विवि में नहीं सुनी जाती है. विवि से अबतक प्रमोशन की राशि नहीं मिली है. वर्ष 2013 में ही विवि से प्रोफेसर के रूप में प्रोन्नति मिली थी. तब से लेकर आजतक प्रमोशन की बढ़ोतरी का भुगतान विवि से नहीं किया गया है. मामले को लेकर पूर्व में कई बार आवेदन भी दिये, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. कहा कि रिटायर होने के बाद विवि में सम्मान नहीं दिया जाता है. अधिकारी व कर्मचारी अपने रंग में रहते हैं. बात भी अच्छे से नहीं करते हैं. कहा कि ऐसे में सेवानिवृत्त हो चुके शिक्षक थक हार कर विवि जाना छोड़ देते हैं. बताया कि पूर्व में ऐसा नहीं होता था. वर्ष 2016 में प्रो रमा शंकर दुबे कुलपति थे, उनके कार्यकाल में रिटायर शिक्षकों को सम्मान सम्मान मिलता था और और किसी को काम कराने के लिए विवि का चक्कर नहीं लगाना पड़ता है. पेंशन व सेवांतलाभ 2022 में मिला प्रो खानम ने बताया कि वर्ष 2021 नवंबर को पीजी उर्दू विभाग के हेड पद पर रहते हुए रिटायर हुए थे. विवि के एक शिक्षक की मदद से वर्ष 2022 में पेंशन व सेवांतलाभ मिला. हालांकि, इसके लिए काफी चक्कर लगाना पड़ा. अमुख शिक्षक की मदद से काम हो गया, लेकिन प्रोन्नति की बढ़ी राशि नहीं मिला, जो लाखों में है. महंगाई भत्ता कहने को, नहीं मिलती है राशि कहा कि महंगाई भत्ता केवल नाम का है. इस मद की राशि किसी सेवानिवृत्त शिक्षकों को नहीं मिलती है. जबकि सरकार द्वारा प्रत्येक साल महंगाई भत्ता के नाम पर डीए बढ़ाती है. यह पेपर में ही चलता है. कहा कि अबतक उन्हें या किसी और रिटायर शिक्षकों को इसका लाभ नहीं मिला है. पेंशनरों को भी महंगाई का सामना करना पड़ता है. कहा कि पेंशन भी लगातार नहीं मिल रहा है. ऐसे में विवि से बकाया राशि मिल जाती, तो जीवन यापन ढंग से हो पाती.
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