ढोलबज्जा पंचायत स्थित एपीएचसी सह हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को एंबुलेंस उपलब्ध कराने की मांग एक बार फिर तीव्र हो गयी है. सीमावर्ती क्षेत्र की लगभग तीन लाख की आबादी को जीवन रक्षक सुविधा उपलब्ध कराने का मुद्दा लंबे समय से उठता रहा है, लेकिन अब इस पर प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई शुरू हो चुकी है. पंचायत के जदयू नेता प्रशांत भवेश कुमार कन्हैया ने बिहार सरकार के मुख्य सचिव को आवेदन भेज कर अविलंब एक एंबुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि यह स्वास्थ्य केंद्र भागलपुर, पूर्णिया और मधेपुरा तीनों जिलों की सीमा पर अवस्थित है, जहां से करीब 12 पंचायतों के लोग इलाज के लिए मुख्य रूप से इसी संस्थान पर आश्रित हैं.
डीएम के संज्ञान के बाद कार्रवाई शुरू
डीएम के आदेश पर सिविल सर्जन ने बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक को पत्र भेजा है. पत्र में आउटसोर्सिंग से एक 102 एंबुलेंस की प्रतिनियुक्ति व संचालन सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई की मांग की है. उम्मीद जगी है कि वर्षों से लंबित मांग जल्द पूरी होगी.
सड़क दुर्घटनाओं में तुरंत मदद न मिलना बड़ी समस्या
जदयू नेता ने कहा कि इस क्षेत्र से बाबा विशुराउत सेतु, फोरलेन सड़क और एसएच–58 गुजरती है, जो भागलपुर से मधेपुरा को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण सड़क है. वाहनों की तेज आवाजाही से इस मार्ग पर दुर्घटनाएं होती रहती हैं. कई बार समय पर एंबुलेंस न मिलने से गंभीर घायल मरीजों को प्राथमिक उपचार तक नसीब नहीं हो पाता और कई मामलों में जान तक चली जाती है.
प्रसव सुविधा होने के बावजूद एंबुलेंस नहीं
एपीएचसी में प्रसव की सुविधा उपलब्ध होने के बावजूद जटिल परिस्थितियों में मरीजों को नवगछिया या भागलपुर रेफर करना पड़ता है. ऐसे में नवगछिया से एंबुलेंस आने में काफी समय लग जाता है. एंबुलेंस की अनुपलब्धता से गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को निजी वाहनों का सहारा लेना पड़ता है, जिससे जच्चा-बच्चा दोनों की जान पर गंभीर खतरा मंडराता रहता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

