पिछले तीन दिनों से बारिश थम नहीं रही है. कभी मूसलधार, कभी हल्की बारिश, तो कभी फुहार वाली बारिश होती रही. जब बारिश थमती, तब आसमान में बादल छाये रहते. हवा के कारण ठंड ने दस्तक दे दी है. शनिवार को 74.2 एमएम बारिश दर्ज की गयी. बारिश से 15 फीसदी तक धान की फसल को क्षति पहुंची, जबकि अधिकतर किसान इस बात से सशंकित हैं कि कहीं तेज हवा से उनकी खड़ी फसल गिरकर बर्बाद नहीं हो जाये. शनिवार को अधिकतर तापमान 27.3 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 21.5 डिग्री सेल्सियस रहा. आद्रर्ता सुबह 86 प्रतिशत, जबकि दोपहर बाद 83 प्रतिशत रही. पछिया हवा 8.4 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बही. अगात धान की खेती करने वाले किसान धान की फसल काट कर खेत या खलिहान में रखे हैं. ऐसे किसानों को धान को बचाना चुनौती हो गयी है. अधिकतर स्थानों पर धान की खेती पिछात हुई है. ऐसे में धान को फायदा मिला है. आगामी रबी फसल के लिए यह बारिश संजीवनी साबित होगी. धान उत्पादक किसान शिरोमणि ने बताया कि जो धान की फसल बाली की ओर अग्रसर है, उसे फायदा मिला, जो बाली नहीं बनी है, उसे अधिक फायदा मिलेगा. जो मेच्योर हो रहा है, उसे नुकसान होगा. अभी ओस से धान की बाली भरने का समय है. बारिश से खखरी अधिक नहीं बन जाये, इसे लेकर किसान सशंकित हैं. वहीं दियारा क्षेत्र में रबी फसल लगाने में अब देरी हो जायेगी. गंगा का जलस्तर घटने के बाद अब किसान गेहूं, चना व सब्जी की खेती की तैयारी में जुटे थे, लेकिन बारिश ने उनके मंसूबे पर पानी फेर दिया. पांच तक बारिश होने की संभावना, बढ़ेगी ठंड बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर ने मौसम को लेकर पूर्वानुमान जारी किया है. इसमें पांच नवंबर तक जिले में मध्यम बारिश की संभावना जतायी गयी है. एक-दो स्थानों पर भारी बारिश भी हो सकती है. ठंड भी बढ़ सकती है. ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के नोडल पदाधिकारी डॉ वीरेंद्र कुमार ने बताया कि पांच नवंबर तक अधिकतम तापमान 26-29 डिग्री सेंटीग्रेड और न्यूनतम तापमान 20-23 डिग्री सेंटीग्रेड रहने की संभावना है. सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 79-88 प्रतिशत तथा दोपहर में 59-78 प्रतिशत रहने की संभावना है.
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