– सड़क की चौड़ाई घटेगी, भू-अर्जन भी कम होगा, ड्रेनेज सिस्टम में भी किया जायेगा बदलाव- खर्च को कम करने के उद्देश्य से डीपीआर में हो रहा संशोधन
वरीय संवाददाता, भागलपुर
भागलपुर से भेलजोर (हंसडीहा) तक प्रस्तावित फोरलेन सड़क का निर्माण एक बार फिर पेच में फंस गया. भूमि अधिग्रहण की जटिलताओं और खर्च को कम करने के उद्देश्य से जारी किया गया पुराना टेंडर रद्द कर दिया गया है. अब डीपीआर संशोधित होगा और इसके आधार पर नयी निविदा निकाली जायेगी. वहीं, जब एजेंसी चयनित होगी, तो फोरलेन का निर्माण शुरू हो सकेगा. वहीं, इसको आसान नहीं बताया जा रहा है. डीपीआर में संशोधन करने से लेकर निविदा जारी होने और एजेंसी चयन में काफी वक्त लगने की बात कही जा रही है. क्योंकि, एनएच विभाग में सबसे बड़ी मुश्किल की बात परियोजनाओं को स्वीकृति दिलाना हाेता है. सालों फाइल अटकती रहती है. वहीं, पहली बार में टेंडर भी फाइनल नहीं होता है. संशोधित डीपीआर को स्वीकृति मिलने और एजेंसी चयनित होने के बाद ही फोरलेन निर्माण का अब रास्ता खुल सकेगा.सड़क की चौड़ाई और लागत दोनों में की जायेगी कटौती
परियोजना के प्रारंभिक प्रस्ताव में सड़क की चौड़ाई 60 से 65 मीटर तय थी, लेकिन नये संशोधन के बाद कई हिस्सों में यह 55 से 60 मीटर ही होगी. सर्विस लेन की चौड़ाई भी सात मीटर से घटाकर 5.5 मीटर कर दी जायेगी. इसके पीछे यह कारण बताया जा रहा है कि इससे न सिर्फ भूमि अधिग्रहण कम होगा, बल्कि मुआवजा भुगतान पर भी खर्च घटेगा. अधिकारियों का अनुमान है कि इससे करीब 25 से 30 करोड़ रुपये की बचत होगी. इसके अलावा जलजमाव से निपटने के लिए पहले अलग से ड्रेनेज निर्माण की योजना थी, लेकिन अब सर्विस रोड के अंदर ही ड्रेनेज सिस्टम का प्रावधान करने जा रहा है. इससे जहां मकानों पर अधिग्रहण का दबाव घटेगा, वहीं मुआवजा राशि भी पहले की तुलना में 100 करोड़ रुपये से अधिक कम हो जायेगी.निरीक्षण के बाद दिये गये नये निर्देश पर तैयारी
हाल के कुछ महीने पहले सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के क्षेत्रीय अधिकारी विष्णु मूर्ति भागलपुर आये थे. निरीक्षण के दौरान उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया था कि परियोजना को कम से कम भूमि अधिग्रहण के साथ आगे बढ़ाया जाये. निर्देश के आलोक में डीपीआर में आवश्यक संशोधन किया जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

