कृषि और पर्यावरण अनुकूल नवाचारों को बढ़ावा देने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए बीएयू ने सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड पटना के साथ समझौता किया. इसके तहत ट्राइकोडर्मा लिक्विड बायो फर्टिलाइजर और अन्य जैविक उत्पादों के व्यावसायिक उत्पादन पर काम होगा. दावा किया गया कि किसान और कृषि के लिए यह बहुत ही अहम समझौता है. भारतीय कृषि लंबे समय से व्यावसायिक उर्वरकों पर निर्भर रही है, जिससे मिट्टी की सेहत और पर्यावरण पर नकारात्मक असर पड़ता है. यह समझौता प्रयोगशाला में विकसित तकनीकों को खेतों तक पहुंचाने का मार्ग प्रशस्त करेगा. सास्यानी सॉल्यूशन अपनी औद्योगिक विशेषता और विपणन नेटवर्क के माध्यम से इन्हें बड़े पैमाने पर किसानों तक पहुंचाएगा. कुलपति डॉ डी आर सिंह ने कहा कि यह साझेदारी कृषि क्षेत्र में गेम चेंजर साबित होगी. बीएयू के वैज्ञानिक अनुसंधान और उद्योग की ताकत को मिलाकर हम बिहार को बायो फर्टिलाइजर नवाचार का केंद्र बना रहे हैं. किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले जैव उर्वरक सस्ती दरों पर उपलब्ध होंगे. अनुसंधान निदेशक डॉ ए के सिंह ने कहा कि जैव उर्वरक और ट्राइकोडर्मा आधारित तकनीक कृषि उत्पादन को नई ऊंचाई पर ले जाएगा. समझौता बैठक की अध्यक्षता डॉ एके सिंह ने की. मौके पर सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड पटना के निर्देशक विक्रम सिंह और सदस्य विजयकांत देव उपस्थित रहे. अंत में डॉक्टर सैलवाला देई उपनिदेशक अनुसंधान बीएयू सबौर ने धन्यवाद ज्ञापन दिया और कहा कि अकादमी का औद्योगिक सहयोग भारतीय कृषि का भविष्य है.
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