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bhagalpur news. धान की आनुवंशिक उन्नति के क्षेत्र में बेहतर कर रहा बीएयू

निदेशक अनुसंधान बीएयू सबौर डॉ अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में जारी धान अनुसंधान विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की टीम ने अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना ओन राइस की निगरानी टीम के समक्ष धान अनुसंधान कार्यक्रमों की प्रगति प्रस्तुत की

निदेशक अनुसंधान बीएयू सबौर डॉ अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में जारी धान अनुसंधान विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की टीम ने अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना ओन राइस की निगरानी टीम के समक्ष धान अनुसंधान कार्यक्रमों की प्रगति प्रस्तुत की. इस अवसर पर धान प्रजनन, रोग प्रबंधन एवं समेकित पोषक तत्व प्रबंधन से संबंधित विभिन्न प्रयोग परीक्षणों की विस्तृत समीक्षा की गयी. एआइसीआरपी की निगरानी टीम में प्रधान वैज्ञानिक डॉ जितेंद्र मेहर आइसीएआर एन आरआरए कटक, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ एमएस आनंदा पादप प्रजनन आइसीएआर हैदराबाद तथा वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ अंजनी कुमार कटक शामिल थे. बीएयू सबौर की टीम में डॉ पीके सिंह अध्यक्ष पादप प्रजनन एवं अनुवांशिकी विभाग के डाॅ एस पी सिंह सहायक प्राध्यापक सह कनिष्ठ वैज्ञानिक डॉ अमरेंद्र कुमार सहयोगी प्राध्यापक सह वरिष्ठ वैज्ञानिक पादप रोग विज्ञान शामिल थे. इस अवसर पर कुलपति डॉ डीआर सिंह ने कहा कि बीएयू सबौर पूर्वी भारत की कृषि जलवायु परिस्थितियों के अनुरूप धान की आनुवंशिक उन्नति के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है. विश्वविद्यालय का उद्देश्य उन्नत जिनोमिक्स और फील्ड इनोवेशन के संबंध दृष्टिकोण से टिकाऊ उत्पादन और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना है. निदेशक अनुसंधान ने कहा कि निगरानी टीम द्वारा दिये गये वैज्ञानिक सुझाव विश्वविद्यालय के अनुसंधान को नई दिशा देगा. हमारा प्रयास है की आणविक प्रजनन बहू स्थानिक अनुकूलता परीक्षण तथा किसान उन्मुख अनुसंधान के माध्यम से उच्च उत्पादक रोग प्रतिरोधी एवं जलवायु सहनशील किस्म में विकसित की जा सके. निगरानी टीम ने बीएयू के वैज्ञानिकों द्वारा किये जा रहे डाटा प्रबंधन, जर्म प्लाज्मा मूल्यांकन, बहू विषयक सहयोग तथा प्रौद्योगिकी प्रसार कार्यों की सराहना की. टीम ने कहा कि बीएयू सबौर ने राष्ट्रीय एआइसीआरपी नेटवर्क में पूर्वी भारत के लिए एक मजबूत अनुसंधान केंद्र के रूप में अपनी पहचान स्थापित की है. निदेशक अनुसंधान बीएयू सबौर डॉ अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में जारी धान अनुसंधान विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की टीम ने अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना ओन राइस की निगरानी टीम के समक्ष धान अनुसंधान कार्यक्रमों की प्रगति प्रस्तुत की. इस अवसर पर धान प्रजनन, रोग प्रबंधन एवं समेकित पोषक तत्व प्रबंधन से संबंधित विभिन्न प्रयोग परीक्षणों की विस्तृत समीक्षा की गयी. एआइसीआरपी की निगरानी टीम में प्रधान वैज्ञानिक डॉ जितेंद्र मेहर आइसीएआर एन आरआरए कटक, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ एमएस आनंदा पादप प्रजनन आइसीएआर हैदराबाद तथा वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ अंजनी कुमार कटक शामिल थे. बीएयू सबौर की टीम में डॉ पीके सिंह अध्यक्ष पादप प्रजनन एवं अनुवांशिकी विभाग के डाॅ एस पी सिंह सहायक प्राध्यापक सह कनिष्ठ वैज्ञानिक डॉ अमरेंद्र कुमार सहयोगी प्राध्यापक सह वरिष्ठ वैज्ञानिक पादप रोग विज्ञान शामिल थे. इस अवसर पर कुलपति डॉ डीआर सिंह ने कहा कि बीएयू सबौर पूर्वी भारत की कृषि जलवायु परिस्थितियों के अनुरूप धान की आनुवंशिक उन्नति के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है. विश्वविद्यालय का उद्देश्य उन्नत जिनोमिक्स और फील्ड इनोवेशन के संबंध दृष्टिकोण से टिकाऊ उत्पादन और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करना है. निदेशक अनुसंधान ने कहा कि निगरानी टीम द्वारा दिये गये वैज्ञानिक सुझाव विश्वविद्यालय के अनुसंधान को नई दिशा देगा. हमारा प्रयास है की आणविक प्रजनन बहू स्थानिक अनुकूलता परीक्षण तथा किसान उन्मुख अनुसंधान के माध्यम से उच्च उत्पादक रोग प्रतिरोधी एवं जलवायु सहनशील किस्म में विकसित की जा सके. निगरानी टीम ने बीएयू के वैज्ञानिकों द्वारा किये जा रहे डाटा प्रबंधन, जर्म प्लाज्मा मूल्यांकन, बहू विषयक सहयोग तथा प्रौद्योगिकी प्रसार कार्यों की सराहना की. टीम ने कहा कि बीएयू सबौर ने राष्ट्रीय एआइसीआरपी नेटवर्क में पूर्वी भारत के लिए एक मजबूत अनुसंधान केंद्र के रूप में अपनी पहचान स्थापित की है.

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