जब तक सूरज चांद रहेगा, अंकित तेरा नाम रहेगा. गगनचुंबी नारों के बीच शहीद हवलदार अंकित उर्फ धीरज का पार्थिव शरीर चारों तरफ बाढ़ के पानी से घिरा पैतृक गांव भागलपुर जिला रंगरा प्रखंड के चापर पहुंचा. उत्तरी कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी पर बुधवार तड़के बैट टीम घुसपैठ का प्रयास कर रही थी. सेना के सतर्क जवानों ने पाकिस्तान सेना के बॉर्डर एक्शन टीम (बैट टीम) के घुसपैठ को विफल कर दिया. भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई से बैट दस्ते को अपनी जान बचा कर भागना पड़ा. बैट टीम की गोली से सेना की जवान की मौत हो गयी. शहीद चापर के लक्ष्मी यादव का पुत्र अंकित उर्फ धीरज यादव था. 15 अगस्त की सुबह साढ़े छह बजे पार्थिव शरीर दानापुर से रवाना हुआ. साढ़े दस बजे जीरोमाइल पहुंचा. जीरोमाइल से सैकड़ों तिरंगा झंडा लिए युवाओं की अगुवानी में शहीद का शव गांव चापर पहुंचा. चापर गांव में सड़क पर तीन से चार फीट पानी में आर्मी के जवान ताबूत को शहीद के पैतृक आवास पहुंचाया. वहां हजारों लोग शहीद का दर्शन करने के लिए मौजूद थे. पार्थिव शरीर को सेना के जवान ने कंधे पर उठा कर बाढ़ के पानी में चलते हुए वाहन के पास पहुंचाया. वहां कफिला अंतिम संस्कार स्थल एनएच-31 किनारे भट्ठा चौक तक पहुंचा. थानाध्यक्ष रंगरा विश्वबंधु कुमार, सीओ रंगरा आशीष कुमार, प्रमुख संजीव कुमार उर्फ मोती यादव, पिता लक्ष्मी यादव, पत्नी रूबी देवी, एसडीपीओ ओम प्रकाश, एसडीओ ऋतुराज प्रताप सिंह, एसपी प्रेरणा कुमार व सेना के अधिकारी ने पुष्पांजलि अर्पित किया. भागलपुर प्रभारी मंत्री संतोष कुमार सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, प्रमुख, ने पुष्पांजलि अर्पित किया. सेना के जवान तिरंगा झंडा शहीद की पत्नी को सौंपा. तिरंगा झंडा लेकर पार्थिव शरीर का पूरा परिवार सात फेरा लगाया. पार्थिव शरीर को एनएच-31 किनारे चिता पर लिटाया. वहां पर सेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया. बड़ा पुत्र उत्कर्ष (चार) ने मुखाग्नि दी. प्रभारी मंत्री संतोष कुमार सिंह ने शहीद की पत्नी को 21 लाख रुपये का चेक दिया. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है . शहीद अंकित कुमार को नमन करते हैं.
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