भागलपुर (प्रभात खबर टोली) : बिहार में कोसी के जल स्तर में उतार-चढ़ाव जारी है. कोसी-सीमांचल के जिलों में बाढ़ का पानी ऊंचे इलाके से निचले इलाके की ओर बढ़ रहा है. मंगलवार की सुबह 06 बजे कोसी नदी का जल स्तर बराज पर 01 लाख 53 हजार 835 क्यूसेक बढ़ते क्रम में दर्ज किया गया, वहीं नेपाल स्थित जल अधिग्रहण क्षेत्र बराह में जल स्तर 01 लाख 37 हजार 375 क्यूसेक दर्ज किया गया. शाम 06 बजे कोसी का डिस्चार्ज बराज पर 01 लाख 72 हजार 280 क्यूसेक घटते क्रम व बराह में 01 लाख 25 हजार 300 क्यूसेक दर्ज किया गया.
सुपौल, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा में जहां पानी का दबाव कम हुआ है, वहीं कटिहार व पूर्णिया के नये इलाकों में पानी फैला है. अररिया की स्थिति भी ठीक नहीं कही जा रही है. मंगलवार को कोसी-सीमांचल के जिलों में 10 लोगों की मौत डूबने से हुई. सहरसा में दो, पूर्णिया में छह, सुपौल व अररिया में एक-एक मौत की सूचना है. इन जिलों में अब तक 49 लोगों की मौत की सूचना सामने आयी है. हालांकि प्रशासनिक स्तर पर यह आंकड़ा अभी मुकम्मल नहीं हुआ है. कई परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया, इसके कारण प्रशासनिक गणना में अंतर दिख रहा है. अररिया जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी बाढ़ की हालत गंभीर है. लाखों की तादाद में घर छोड़ अन्य स्थानों पर शरण लिये हुए हैं.
पूर्णिया जिले में महानंदा और उसकी सहायक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. नदियों के बौराने से खासकर बायसी अनुमंडल में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है. एक लाख से अधिक की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है. इस दौरान मंगलवार को अमौर प्रखंड में पांच लोगों की डूबने से मौत हो गयी है, जबकि बायसी प्रखंड में एक बच्ची के मरने की सूचना है. मृतकों में मिल्की गांव के आकाश कुमार (8) पिता विजय विश्वास, ज्ञानडोभ पंचायत के संथाल भट्टाटोली की रुबीना टूडू (13) पिता चालीस टुडू व लकी सोरेन (12) पिता ताला सोरेन, बेलका बाघ टोला वार्ड नं 11 का अरशद (21) पिता कमरूजमा और सिमलबाडी नगरा टोला वार्ड नंबर 3 का मोहम्मद मतलीब(55), बायसी प्रखंड के जियागाछी गांव की निखत(8) पिता अबुल हसन शामिल हैं. अमौर के सीओ अनुज कुमार ने बाढ़ में पांच लोगों के मरने की पुष्टि की है.
इधर, केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, महानंदा और परमान लाल निशान पार हैं. पूर्णिया शहर के बीच से गुजरी सौरा नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. पूर्णिया सिटी के काली घाट और कप्तानपुल के समीप लगभग दो फीट पानी बढ़ा है. हालांकि यहां तटबंध की सुरक्षा बढ़ा दी गई है पर इस पर दबाव लगातार बढ़ रहा है. नदी का दबाव बाघमारा के समीप और एमआईटी के पीछे पामर बांध पर भी बना हुआ है. मंगलवार की सुबह सिटी घाट पर भी दबाव बढ़ गया जिससे कई सीढ़ियां पानी के अंदर चली गयीं. इधर, कप्तान पुल के समीप मुक्तिधाम का चबूतरा भी डूबने के कगार पर आ गया है.
निर्मली (सुपौल) नदी थाना क्षेत्र स्थित घोघररिया गांव वार्ड 08 निवासी मो जिब्राईल के 18 वर्षीय पुत्र मो अबदुल्ला कोसी के तेज धारा में बह गया. सहरसा के बख्तियारपुर थाना व बलवाहाट ओपी के सोनपुरा-बरेवाटोल नहर के किनारे गोरियारी चौर में डूबने से 50 वर्षीय उपेंद्र राम की मौत हो गयी. मृतक सरोजा राम टोला का निवासी था.
वहीं सोनवर्षाराज बसनही थाना क्षेत्र के बड़सम पंचायत स्थित सुरसर नदी के सोनेघाट पर मंगलवार की दोपहर 14 वर्षीय बालक चमराही टोला वार्ड नंबर 6 निवासी अरुण महतो का पुत्र छोटू कुमार की डूबने से मौत हो गयी. अररिया रहिका टोला वार्ड नंबर 17 निवासी मनोज साह के 30 वर्षीय पुत्र नवीन कुमार उर्फ सोनू की मौत बाढ़ के पानी में डूबने से हो गयी. वह दो दिनों से लापता था.
कटिहार के अमदाबाद प्रखंड क्षेत्र के महानंदा नदी में उफान से कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. प्रखंड के जंगला टाल, लखनपुर पंचायत के कई गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है.
सहरसा में पानी घट रहा है. अभी नवहट्टा प्रखंड के सात पंचायत एवं महिषी प्रखंड के एक पंचायत बाढ़ से प्रभावित हैं. नवहट्टा के 12 गांव एवं महिषी के दो गांव के लगभग 17 हजार आबादी बाढ़ से प्रभावित हैं. सुपौल जिले में बाढ़ प्रभावित कुल पंचायतों की संख्या 35 है. जिसमें 14 पूर्ण एवं 21 आंशिक रूप से प्रभावित हैं. करीब 85 गांवों में रह रहे 82 हजार की आबादी बाढ़ से पीड़ित है. 275 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं. मधेपुरा के फुलौत पूर्वी व पश्चिमी पंचायत के निचले इलाके में पानी फैलाने लगा है. बाढ़ का पानी फुलौत पश्चिमी पंचायत के तियर टोला के समीप लोगों को आवागमन बाधा उत्पन्न कर रहा है.
भागलपुर जिले में गंगा के जलस्तर में पिछले 24 घंटे में 68 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई है. मंगलवार दोपहर नवगछिया के इस्माइलपुर-बिंदटोली में जलस्तर 29.58 मीटर था. यहां खतरे का निशान 32.60 मीटर, अधिकतम जलस्तर वर्ष 2017 के अनुसार 33.47 मीटर है. जलस्तर बढ़ने के कारण इस्माइलपुर से लेकर बिंद टोली के बीच विभिन्न स्परों खासकर स्पर पांच से लेकर छह एन स्थित कैंप कार्यालय तक पानी का दबाव बढ़ गया है.