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मेडिकल कॉलेज में होनी थी नियुक्ति, कर दिया अस्पताल में

भागलपुर : जनवरी माह में जेएलएनएमसीएच अस्पताल में 25 सीनियर रेजिडेंट की नियुक्ति विभिन्न विभागों में राज्य सरकार ने किया था. सरकारी निर्देश उपरांत अस्पताल अधीक्षक ने सभी को अस्पताल में ज्वाइन करा दिया. मामला उस वक्त फंस गया जब इनको वेतन देने की बारी आयी. बिना रिक्त पद के हुई नियुक्ति को लेकर अस्पताल […]

भागलपुर : जनवरी माह में जेएलएनएमसीएच अस्पताल में 25 सीनियर रेजिडेंट की नियुक्ति विभिन्न विभागों में राज्य सरकार ने किया था. सरकारी निर्देश उपरांत अस्पताल अधीक्षक ने सभी को अस्पताल में ज्वाइन करा दिया. मामला उस वक्त फंस गया जब इनको वेतन देने की बारी आयी.

बिना रिक्त पद के हुई नियुक्ति को लेकर अस्पताल प्रबंधन के पास वेतन का फंड अस्पताल प्रबंधन के पास नहीं है. परिणाम यह है कि नये चिकित्सकों को जनवरी माह से वेतन नहीं मिला है.
हालांकि समस्या समाधान के लिए अधीक्षक ने सरकार को पत्र लिखा है. अब तक सकारात्मक जवाब नहीं आया है. जिसके बाद मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ हेमंत कुमार सिन्हा सभी चिकित्सकों का विवरण लेकर अपने स्तर से भी सरकार को पत्र लिखने जा रहे हैं. जिससे चिकित्सकों की समस्या का समाधान हो सके.
आखिर कहां हुई गलती: जनवरी माह में 25 नये चिकित्सक को सरकार ने बहाल किया. लेटर देकर सीधे अस्पताल अधीक्षक के पास भेज दिया. जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि सभी को अस्पताल अधीक्षक के अंदर ज्वाइन करना है.
फैसला सरकार का था, अस्पताल अधीक्षक ने इसका पालन किया. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि जिन विभागों में इन चिकित्सकों को नियुक्त किया गया है, वहां कोई पद रिक्त नहीं था.
जनवरी माह के बाद जब चिकित्सकों ने वेतन मांगा तो मामला फंस गया. अस्पताल के पास एसआर को वेतन देने के लिए फंड ही उपलब्ध नहीं है. अस्पताल अधीक्षक ने मामले की जानकारी मुख्यालय को पिछले माह पत्र के माध्यम से दिया. अब पटना से जवाब मिलने का इंतजार है.
मेडिकल कॉलेज में होनी थी नियुक्ति, यहां पद हैं खाली : जेएलएनएमसीएच अस्पताल में रिक्तियां नहीं थीं. पद मेडिकल कॉलेज में खाली था. सरकार को कॉलेज में नियुक्ति करना था. यहां नियुक्ति नहीं कर अस्पताल में इनको ज्वाइन के लिए भेज दिया गया.
मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ हेमंत कुमार सिन्हा ने बताया कि इस समस्या को देखते हुए अब सभी को मेडिकल कॉलेज में नियुक्त करने का प्रयास किया जा रहा है. सभी का कागजात अस्पताल अधीक्षक से मांगा जा रहा है. कॉलेज स्तर से प्रयास किया जायेगा. जिससे सभी को वेतन मिल सके.
बाहर से आये चिकित्सकों हो रही है परेशानी
25 चिकित्सक में ज्यादातर दूसरे जिले से यहां आये हैं. चार माह से वेतन नहीं मिलने से इनके सामने आर्थिक समस्या खड़ी हो गयी है. इनकी मानें, तो वेतन के अभाव में कई तरह की परेशानी खड़ी हो गयी है.
रोजाना अस्पताल में ड्यूटी करते हैं, इसके बदले आज भी उन्हें वेतन का इंतजार है. गलती किसकी है, यह उन्हें नहीं पता. प्रबंधन से आग्रह है कि जल्द से जल्द उनकी समस्या का समाधान निकाले.

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