भागलपुर: दिवेश सिंह हत्याकांड में पुलिस ने सफेदपोशों की भूमिका पर जांच नहीं की. तत्कालीन एसएसपी कुंदन कृष्णन ने अपनी रिपोर्ट-टू में इस बात का उल्लेख किया था कि दिवेश की हत्या में पार्टी के किसी नेताओं की भूमिका की गहराई से छानबीन की जरूरत है.
एसएसपी की रिपोर्ट के मुताबिक दिवेश सिंह कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए थे और जिलाध्यक्ष भी रह चुके थे. हालांकि हत्या से पूर्व पार्टी में दिवेश दिलचस्पी नहीं ले कर अपने व्यवसाय में रुचि ले रहे थे. दिवेश सिंह के भाई ने इस हत्या में कई दिग्गज कांग्रेस के नेताओं का हाथ होने का संदेह व्यक्त किया था. हालांकि अब तक अनुसंधान में किसी कांग्रेसी नेता व कार्यकर्ता के विरुद्ध साक्ष्य नहीं मिला.
दस का नाम, पांच की हो चुकी है हत्या. एसएसपी की रिपोर्ट के मुताबिक दिवेश की हत्या में पप्पू खा उर्फ परवेज खान, दिलावर, शिशु राय,मो इरफान उर्फ काटरून, कृष्णा कुमार सिंह, दीपू भुवानियां, समर सिंह, पवन डालुका, संजय सिन्हा, दीपक सिंह की भूमिका पर संदेह जाहिर किया गया था. इसमें पांच आरोपी पप्पू खान, दिलावर, शिशु,मो इरफान, कृष्णा कुमार सिंह, समर सिंह की मौत हो चुकी है.
सुनीता भुवानियां ने लिखा था पत्र. मामले में दीपक भुवानियां का नाम आने के बाद उनकी पत्नी सुनीता भुवानियां ने तत्कालीन एसएसपी समेत अन्य वरीय पुलिस अफसरों की पत्र लिखा था और इस केस में अपने पति को निदरेष बताया था. सुनीता के कहना था कि पूर्वाग्रह से ग्रसित हो कर शिव शंकर राय ने अपना बयान दिया था.