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bhagalpur news. टीएमबीयू के 12 शिक्षक नियमित प्राचार्य के लिए चयनित

टीएमबीयू के अंगीभूत कॉलेजों में सालों से नियमित प्राचार्य नहीं थे. प्रभारी प्राचार्य के रूप में काम चलाया जा रहा था. दो दिन पहले बिहार राज्य विवि सेवा आयोग ने प्राचार्य पद के लिए साक्षात्कार लिया था

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भागलपुर टीएमबीयू के अंगीभूत कॉलेजों में सालों से नियमित प्राचार्य नहीं थे. प्रभारी प्राचार्य के रूप में काम चलाया जा रहा था. दो दिन पहले बिहार राज्य विवि सेवा आयोग ने प्राचार्य पद के लिए साक्षात्कार लिया था. गुरुवार को आयोग ने रिजल्ट जारी किया है. इसमें टीएमबीयू के डीएसडब्ल्यू, काॅलेज इंस्पेक्टर, तीन पीजी हेड, एक प्रभारी सहित 12 शिक्षक नियमित प्राचार्य के लिए चयनित हुए है. आयोग ने 173 पदाें के लिए 18 व 19 मार्च काे साक्षात्कार लिया था. उन पदाें के लिए 156 अभ्यर्थियाें का चयन साक्षात्कार के लिए हुआ था. आयोग ने 116 का रिजल्ट जारी कर दिया है. वहीं, पांच पद विभिन्न वजहों से रिक्त रखा गयाहै. एक अभ्यर्थी का रिजल्ट तैयार कर ट्रिब्यूनल में चल रहे केस का फैसला आने तक लंबित रखा गया है. विवि के एक शिक्षक ने बताया कि प्राचार्य पद के लिए विवि से 14 शिक्षकाें ने आवेदन किया था. इसमें दाे का चयन नहीं हाे सका. इधर, भुस्टा के पूर्व अध्यक्ष प्राे डीएन राय ने प्राचार्य के लिए चयनित शिक्षकाें काे शुभकामना दी.

विवि के अधिकारी बने प्राचार्य

बताया जा रहा है कि टीएमबीयू के डीएसडब्ल्यू प्राे विजेंद्र कुमार, टीएनबी कॉलेज के बर्सर सह कॉलेज इंस्पेक्टर प्राे संजय कुमार झा, पीजी मनाेविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ निरंजन प्रसाद यादव, पीजी संगीत की विभागाध्यक्ष प्राे निशा झा, भूगाेल विभाग के हेड डॉ अनिरुद्ध कुमार व जेपी काॅलेज नारायणपुर के प्रभारी प्राचार्य डॉ सत्येन्द्र कुमार नियमित प्राचार्य के रूप में चयनित हुए है.

इन शिक्षकों का हुआ चयन

बताया जा रहा है कि पीजी केमिस्ट्री विभाग के शिक्षक डॉ अशाेक कुमार झा, मारवाड़ी काॅलेज के शिक्षक डॉ सुधीर कुमार सिंह, डॉ चंद्रलाेक भारती, डॉ अवधेश रजक, डॉ दीपाे महताे व पीजी मनाेविज्ञान विभाग की शिक्षिका डॉ लक्ष्मी पांडेय भी नियमित प्राचार्य बने हैं. डॉ महतो वर्तमान में विशेष अवकाश पर भागलपुर इंजीनियरिंग काॅलेज में शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं.

सालों से कॉलेजों में नहीं थे नियमित प्राचार्य

भुस्टा के पूर्व अध्यक्ष प्राे डीएन राय ने बताया कि सालों से विवि के अंगीभूत कॉलेजों में कमीशन से नियमित प्राचार्य नहीं थे. वर्ष 1996 में कमीशन से प्राचार्य आये थे. फिर वर्ष 2008 में आयोग से प्राचार्य मिले थे. करीब चार साल के बाद हाईकोर्ट ने एक मामले में आदेश जारी किया था. उन सभी प्राचार्य को कोर्ट के आदेश के बाद डिसमिस कर दिया गया था. छपरा विवि से केवल एक ही कमीशन प्राचार्य विवि को मिला था, जो वर्तमान में कुलपति है. उन्होंने बताया कि कॉलेजों का संचालन प्रभारी प्राचार्य से ही किया जा रहा था.

कॉलेजों के विकास में आयेगा तेजी – कुलपति

कुलपति प्रो जवाहर लाल ने कहा कि विवि को 12 नियमित प्राचार्य मिलने से कॉलेजों का विकास तेजी से होगा. कमीशन से प्राचार्य बनना महत्व रखता है. उनसे काफी अपेक्षा विवि को भी रहेगी. उन्होंने प्राचार्य बनने पर सभी शुभकामना दी.

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