भागलपुर: एसएसपी राजेश कुमार के कार्य-कलापों पर आइजी ने समय-समय पर तल्ख टिप्पणी की. हालिया तीन चर्चित मामलों में एसएसपी के शिथिलता को लेकर आइजी ने सवाल उठाया था और जांच में लापरवाही बरतने पर नाराजगी जाहिर की थी.
सोना लूट कांड में आइजी के कई निर्देश का एसएसपी ने अनुपालन नहीं किया. लूट के बाद सोना कहां गला, सोने को बेच कर किन-किन अपराधियों के रिश्तेदारों ने कर्ज चुकता किया, किन अपराधियों ने घर, जमीन खरीदी आदि के बारे में पुलिस ने पता नहीं किया. आइजी ने उक्त बिंदुओं पर जांच का निर्देश दिया था, लेकिन अब तक जांच नहीं हुआ. ओम बाबा हत्याकांड में भी आइजी ने एसएसपी की जांच पर सवाल खड़ा किया था.
खास कर मामले में एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने पर आइजी ने घोर नाराजगी जतायी थी. इस मामले में भी मेयर दीपक भुवानियां घेरे में हैं. लेकिन एसएसपी ने अपनी रिपोर्ट में श्री भुवानियां को राहत दे दी है. इस केस में एसएसपी की मेहरबानी चर्चा का विषय बना था. दिवेश सिंह हत्याकांड में आइजी ने सात बिंदुओं पर अनुसंधान का निर्देश दिया था. लेकिन एसएसपी की ओर से कई बिंदुओं पर अनुसंधान नहीं किया गया. नतीजतन इस मामले में की मॉनीटरिंग की जिम्मा आइजी ने डीआइजी को सौंप दिया. डीआइजी ने तीन माह तक मामले की मॉनीटरिंग की और यह जांच किया कि आइजी के किन-किन निर्देशों का एसएसपी के स्तर से अनुपालन नहीं हुआ है. अनछुए बिंदुओं का अनुपालन करा कर डीआइजी ने अपनी रिपोर्ट आइजी को दी. इसके बाद मेयर और पार्षद की गिरफ्तारी का निर्देश जारी हुआ.