13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मौत का गड्ढा बना एनएच दिन भर पलटती रही गाड़ियां

भागलपुर : जीरोमाइल से सबौर के बीच रानी तालाब के पास एनएच 80 की सड़क पर बने गड्ढों में भरा पानी अब जानलेवा बन चुका है. गुरुवार को तालाब बने गड्ढों में पूरे दिन छोटी-बड़ी गाड़ियां पलटती रहीं. चालकों के लिए गड्ढों की गहरायी का अंदाजा लगाना मुश्किल हो गया, तभी गाड़ियों के पलटने की […]

भागलपुर : जीरोमाइल से सबौर के बीच रानी तालाब के पास एनएच 80 की सड़क पर बने गड्ढों में भरा पानी अब जानलेवा बन चुका है. गुरुवार को तालाब बने गड्ढों में पूरे दिन छोटी-बड़ी गाड़ियां पलटती रहीं. चालकों के लिए गड्ढों की गहरायी का अंदाजा लगाना मुश्किल हो गया, तभी गाड़ियों के पलटने की शुरुआत हुई.
पहले यात्रियों से भरा ऑटो पलटा और इससे चीख-पुकार मच गयी. इसके बाद तो शाम तक एक दर्जन से ज्यादा वाहन इस ठिकाने पर पलट गये. दोपहर में एक साथ छोटी-बड़ी गाड़ियाें के पटलने से वहां जाम लग गया और आवागमन पूरी तरह ठप हो गया. देर रात स्थिति यह रही कि वहां पर महाजाम की स्थिति हो गयी.
भागलपुर-फरक्का को जोड़ने वाली एनएच 80 सड़क का अहम हिस्सा जीरोमाइल से सबौर तक का है. राेजाना छोटी-बड़ी 10 हजार से अधिक गाड़ियां यहां से गुजरती हैं. जीरोमाइल से इंजीनियरिंग कॉलेज के बीच रानी तालाब के पास सड़क कम गड्ढे ज्यादा हैं. गड्ढों में तब्दील सड़क जब लंबे समय से बरसाती पानी से भरा नजर आया और इस मार्ग पर सफर जानलेवा होने लगी, तो प्रभात खबर अखबार ने लगातार दो दिनों तक खबरें प्रकाशित कर आगाह करने का काम किया. लेकिन, विभागीय अधिकारी से लेकर शासन-प्रशासन मौन रहा. गुरुवार का दिन यह मार्ग जब जानलेवा बना गया और छोटी-बड़ी तकरीबन 50 गाड़ियां पटल गयीं. चीख-पुकार मची, तो एनएच के अधिकारी ने विभागीय पोर्टल पर त्राहिमाम संदेश भेजा. लेकिन, हेडक्वार्टर से इस पर कोई जवाब नहीं मिला.
स्थानीय लोगों ने जब हंगामा शुरू किया, तो स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची कर गड्ढों में पलटे वाहनों को निकालने के लिए क्रेन खोजने लगी, तो दूसरी ओर एनएच के अधिकारी अपनी गर्दन बचाने के लिए एनएच के पोर्टल पर त्राहिमाम संदेश भेजने लगे. मजे की बात यह है कि पुलिस प्रशासन को आधी रात तक न तो पलटी हुई गाड़ियों को उठाने के लिए कोई क्रेन मिला और न भागलपुर एनएच के अधिकारी को हेडक्वार्टर से कोई संदेश. आधी रात बाद तक आवागमन पूरी तरह ठप रहा.
स्थिति भयावह तब हुई, जब रात नौ बजे नो इंट्री टूटी और इस मार्ग पर वाहनों का दबाव पड़ने लगा. मगर, तालाब की तरह नजर आ रहे गड्ढों में वाहनों के पटलने से बंद मार्ग के कारण एनएच 80 की सड़क पर गाड़ियां भरी रही. जाम लगा रह गया. दूसरी ओर अधिकारी से पूछे जाने पर कहा कि काम कराने का कोई अधिकार नहीं है, कितना हाथ-पैर पकड़ कर बाइपास वालों से काम करायेंगे. मुख्यालय को तो संदेश भेजा है, पर कोई जवाब भी नहीं आता.
लोकल अधिकारी हैं तो हमें ही काम कराना है. लेकिन, हेडक्वार्टर ने काम कराने का पावर ही नहीं दिया है. टेंडर फाइल चीफ इंजीनियर के टेबुल पर पड़ा है. हम क्या कर सकते हैं. मंजूरी मिलेगी तभी तो कांट्रैक्टर भी काम शुरू करेगा. हम कितना बाइपास वाले का हाथ-पैर पकड़ कर काम करायेंगे. हाथ-पैर पकड़ा तो गड्ढा भरने गये, स्थानीय लोगों ने मिट्टी भरने की बात बता कर विराेध जताया. काम नहीं हो सका. भयावह स्थिति को देख एनएच के पोर्टल पर संदेश भेजा है. मोबाइल पर भी सभी अधिकारियों को बता रहे हैं, स्थिति से अवगत कराया है, अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें