भागलपुर : पूर्वी रेलवे जोन ने भागलपुर से दानापुर के बीच चलने वाली भागलपुर-दानापुर इंटरसिटी एक्सप्रेस में एलएचबी (लिंक हॉफमैन बुश) कोच लगाने का फैसला किया है. फिलहाल इस ट्रेन में आईसीएफ कोच लगाया गया है. मालदा रेल मंडल की पीआरओ रूपा मंडल ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि 23 मार्च से 13401/13402 भागलपुर-दानापुर-भागलपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस में आईसीएफ कोच की जगह एलएचबी कोच लगाए जाएंगे. रेलवे ने यह फैसला यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर लिया है.

ट्रेन में एलएचबी कोच लगाने के हैं कई फायदे
बता दें कि एलएचबी कोच में आईसीएफ कोच की तुलना में सुरक्षा और सुविधाएं अधिक होती हैं. जैसे कि एलएचबी कोच में ऑटोमैटिक डोर्स, फायर अलार्म सिस्टम और इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्टम ज्यादा अपडेटेड होते हैं. ये कोच अधिक मजबूत और टिकाऊ होते हैं, जो दुर्घटना की स्थिति में यात्रियों की सुरक्षा में मदद करते हैं.
आराम और सुविधाएं
सुविधाओं के मामले एलएचबी कोच आईसीएफ में यात्रियों के लिए अधिक आरामदायक सीटें और बेहतर वेंटिलेशन सिस्टम होता है. इन कोचों में अक्सर एयर कंडीशनिंग, पैंट्री कार और डाइनिंग एरिया भी होते हैं. एलएचबी कोच की डिज़ाइन और तकनीक अधिक उन्नत होती है, जो ट्रेन की गति में वृद्धि करने में मदद करती है. ये कोच अधिक स्थिर और संतुलित होते हैं, जो हाई स्पीड के दौरान बहुत नहीं हिलता है.
रखरखाव में आसानी
एलएचबी कोच का डिजाइन और निर्माण इस तरह से किया गया है कि उनका रखरखाव आसान है. इन कोचों में कम रखरखाव की आवश्यकता होती है, जो रेलवे के लिए लागत और समय की बचत करता है.
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दुर्घटना के समय एक-दूसरे के अंदर नहीं घुसते कोच
एलएचबी कोचों में एंटी-टेलिस्कोपिक डिजाइन होता है, यानी टक्कर की स्थिति में कोच एक-दूसरे के अंदर नहीं घुसते, जिससे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है। रेलवे द्वारा संबंधित फील्ड स्टाफ को नियमित रूप से इंडक्शन और रिफ्रेशर ट्रेनिंग दी जाती है ताकि शंटिंग या कपलिंग के दौरान किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके.
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