Patna News: बिहार की राजधानी पटना का मीठापुर इलाका अब केवल एक क्षेत्र नहीं, बल्कि राज्य के भविष्य का सबसे बड़ा ‘नॉलेज हब’ बनने जा रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के छात्र-छात्राओं को उच्च स्तरीय तकनीकी और चिकित्सा शिक्षा मुहैया कराने के लिए निर्माणाधीन बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (BUHS) और बिहार अभियंत्रण विश्वविद्यालय (BEU) के कार्य की कमान अपने हाथों में ले ली है.
बुधवार को मीठापुर में इन दोनों प्रतिष्ठित संस्थानों के भव्य परिसरों का निरीक्षण करने पहुंचे मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि निर्माण कार्य में न केवल तेजी लाई जाए, बल्कि गुणवत्ता और वास्तुकला में भी कोई समझौता न हो.
मीठापुर में शिक्षा का बढ़ता दायरा
बुधवार को हुए इस निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को याद दिलाया कि मीठापुर क्षेत्र पहले से ही चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, निफ्ट, चाणक्या लॉ यूनिवर्सिटी और मौलाना मजहरूल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों का केंद्र बन चुका है.
ऐसे में हेल्थ साइंस और इंजीनियरिंग विश्वविद्यालयों का निर्माण इस इलाके को एक पूर्ण शैक्षणिक हब के रूप में स्थापित करेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि इन भवनों के पूरा होने से न सिर्फ पढ़ाई का माहौल बेहतर होगा, बल्कि पूरे क्षेत्र की पहचान भी बदलेगी.
इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय का आधुनिक ढांचा
मीठापुर में बिहार अभियंत्रण विश्वविद्यालय के लिए पांच एकड़ भूमि उपलब्ध कराई गई है, जहां चार मंजिला मुख्य भवन का निर्माण किया जा रहा है. इस भवन में प्रशासनिक और शैक्षणिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आधुनिक सुविधाएं विकसित की जा रही हैं.
भूतल पर डीन और रजिस्ट्रार के कार्यालय, कैफेटेरिया और अन्य आवश्यक इकाइयां होंगी. पहले तल पर कुलपति कार्यालय, मीटिंग हॉल और मूल्यांकन केंद्र का निर्माण किया जा रहा है. ऊपरी तलों पर कार्यालय कक्ष, अभिलेखागार, भंडारगृह और बड़े बहुउद्देशीय हॉल बनाए जा रहे हैं, जिससे परीक्षा और मूल्यांकन कार्य सुचारु रूप से हो सकें.
दो हिस्सों में आकार ले रहा हेल्थ साइंस विश्वविद्यालय
सात निश्चय-2 योजना के तहत स्थापित बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय का नया भवन 27,567 वर्गमीटर क्षेत्र में बन रहा है. यह परियोजना दो भागों में विभाजित है. पहले भाग में मुख्य विश्वविद्यालय भवन शामिल है, जिसमें प्रशासनिक सह शैक्षणिक भवन, परीक्षा कक्ष, प्रतीक्षालय, सूचना केंद्र, नामांकन शाखा और कुलाधिपति कक्ष जैसी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं.
दूसरे भाग में कुलपति आवास, अतिथि गृह और सभागार का निर्माण हो रहा है, जिससे शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ अकादमिक आयोजनों को भी बढ़ावा मिलेगा.
अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्माण कार्य की प्रगति की जानकारी ली और अधिकारियों को समय-सीमा का सख्ती से पालन करने को कहा. उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि निर्माण में किसी तरह की गुणवत्ता से समझौता नहीं होना चाहिए. इस मौके पर मंत्री विजय चौधरी, विज्ञान, तकनीकी शिक्षा विभाग की सचिव डॉ. प्रतिमा एस. वर्मा, स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह, बिहार इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुरेश कांत वर्मा और बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बिंदे कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
बिहार की उच्च शिक्षा को नई रफ्तार
मुख्यमंत्री के इस निरीक्षण को राज्य में उच्च शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है. दोनों विश्वविद्यालयों के भवन तैयार होने के बाद बिहार के छात्रों को आधुनिक सुविधाओं के साथ शिक्षा मिलेगी और राज्य शिक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर और आगे बढ़ेगा.
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