Bihar News: कृषि विभाग एक महत्वाकांक्षी ‘लैब टू लैंड’ कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रहा है, जो न केवल सब्जियों की बर्बादी को रोकेगा बल्कि हर भारतीय की थाली में बिहार का एक व्यंजन पहुंचाने का सपना भी सच करेगा.
कृषि मंत्री रामकृपाल यादव ने स्पष्ट किया है कि सरकार अब केवल उत्पादन बढ़ाने पर ही नहीं, बल्कि सब्जियों के प्रसंस्करण (Processing) और बेहतर मार्केटिंग पर भी पूरा जोर देगी.
लैब टू लैंड से जुड़ेगा किसान
बिहार सब्जियों के उत्पादन में देश में तीसरे स्थान पर है, लेकिन खेत से बाजार तक पहुंचने से पहले ही बड़ी मात्रा में सब्जियां खराब हो जाती हैं. संरक्षण, पैकेजिंग और कोल्ड चेन की कमजोर व्यवस्था के कारण 30 से 35 प्रतिशत तक उपज बर्बाद हो जाती है. इसी बड़ी चुनौती को अवसर में बदलने की तैयारी अब बिहार सरकार ने कर ली है.
कृषि विभाग ‘लैब टू लैंड’ कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रहा है, जिसका मकसद वैज्ञानिक तकनीक के जरिए सब्जियों को सुरक्षित रखना और किसानों की आमदनी बढ़ाना है.
हर भारतीय थाली में बिहार का स्वाद पहुंचाने की तैयारी
कृषि मंत्री रामकृपाल यादव ने कृषि भवन में किसानों, उद्यमियों और कृषि वैज्ञानिकों के साथ चर्चा के दौरान कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि हर भारतीय थाली में बिहार का कम से कम एक व्यंजन पहुंचे. इसके लिए ‘बिहार फ्रेश’ ब्रांड के तहत सब्जियों को लोकल बाजार से निकालकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाया जाएगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कार्यक्रम वर्ष 2026-27 से 2028-29 तक के लिए एक ठोस नीति और रोडमैप तैयार करने की दिशा में बड़ा कदम है.
सब्जी उत्पादन बढ़ेगा, नुकसान घटेगा
वर्तमान में बिहार में प्रतिवर्ष लगभग 170 से 180 लाख मीट्रिक टन सब्जियों का उत्पादन हो रहा है, जो देश के कुल उत्पादन का करीब 9 प्रतिशत है. सरकार का लक्ष्य है कि अगले पांच वर्षों में इसे बढ़ाकर 400 लाख मीट्रिक टन तक पहुंचाया जाए. इसके लिए आधुनिक कोल्ड स्टोरेज, प्रसंस्करण इकाइयों और बेहतर पैकेजिंग तकनीक को बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि खेत से बाजार तक सब्जियां खराब होने से बच सकें.
किसानों की आय पर फोकस
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की आय में वृद्धि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसके लिए धान और गेहूं के साथ-साथ सब्जी, फल, फूल और औषधीय फसलों को भी मुख्यधारा में लाना जरूरी है. ‘लैब टू लैंड’ मॉडल के जरिए शोध संस्थानों में विकसित तकनीक सीधे किसानों तक पहुंचेगी, जिससे उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में सुधार होगा.
बैठक में कृषि विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार, विशेष सचिव डॉ. बीरेंद्र प्रसाद यादव, निदेशक उद्यान अभिषेक कुमार और वेजफेड व बिहार राज्य भंडार निगम के प्रबंध निदेशक डॉ. गगन सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. अधिकारियों ने माना कि कोल्ड चेन और प्रोसेसिंग के विस्तार से न सिर्फ किसानों को फायदा होगा, बल्कि कृषि आधारित उद्योगों और निवेश को भी नई दिशा मिलेगी.
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