Snake in VTR: वाल्मीकिनगर. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व वन प्रमंडल दो के वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र में येलो स्पेकल्ड वुल्फ स्नेक दिखा, जिसे स्थानीय भाषा में चित्तीदार सांप भी कहा जाता है. इसकी लंबाई 55 से 60 सेंटीमीटर होती है. पीला और काले रंग का चित्ती उसकी सुंदरता को बढ़ाता है. यह बहुत ही दुर्लभ सांप है और शायद पहली बार वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में देखा गया है. इसका सफल रेस्क्यू रमपुरवा निवासी रूदल राम के घर से किया गया. न्यूज संस्था के अभिषेक और मुकेश कुमार जलज फील्ड असिस्टेंट ने बताया कि टाइगर रिजर्व के गोबर्धना वन क्षेत्र में पहली बार वर्ष 2016-17 में देखा गया था. यह दुर्लभ प्रजाति का सांप है. यह विषैला नहीं होता.
एसएच पर दिखा तेंदुआ
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के बीचों बीच मदनपुर-वाल्मीकिनगर मुख्य स्टेट हाइवे के धोबहा पुल के जंगल से निकलकर तेंदुआ आ गया. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है. वीडियो में तेंदुआ जंगल के बीच एक पुल की रेलिंग पर चढ़कर मस्ती कर रहा है. वहां से गुजर रहे पर्यटक ने गाड़ी में से इस खूबसूरत दृश्य को कैमरे में कैद किया है. थोड़ी देर बाद तेंदुआ जंगल की ओर चला गया. वन संरक्षक सह क्षेत्रीय निदेशक डॉ नेशामणि के. ने बताया कि वीटीआर में बाघ व तेंदुआ की अच्छी संख्या है, तभी तो दिख रहे हैं. वीटीआर के जंगल में वन्यजीवों की संख्या लगातार बढ़ रही है.
इसी माह मिला था ‘झूठा सांप’
दो सप्ताह पहले ही वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में एक ऐसा सांप मिला था, जिसे देखकर लोगों की आंखें फटी की फटी रह गईं. इस सांप को ‘झूठा झू सांप’ के नाम से जाना जाता है. इसे मॉक वाइपर कहा जाता है. यह नारंगी रंग का होता है. इसकी लंबाई 2 फीट रहती है. बेहद कम जहरीला होने की वजह से यह सांप अपने दुश्मनों को एक डरावनी आवाज से डराता है. कहा जाता है कि VTR में ऐसे सांप बहुत ज्यादा पाए जाते हैं, लेकिन दिखाई कम देते हैं. यहां सांपों की करीब 45 प्रजातियां पाई जाती हैं. इसमें कई बेहद जहरीले और खतरनाक हैं, तो वहीं कई खतरनाक दिखने के बावजूद जहरीले नहीं होते हैं. गैर जहरीले सांपों के काटने से इंसान मरता नहीं है. बल्कि उसे उल्टी या चक्कर आ सकते हैं.
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