बेतिया. बीआरए बिहार विश्वविद्यालय और उसके कॉलेजों के पीजी क्लास सत्र 2024-26 के फर्स्ट सेमेस्टर में एडमिशन की जारी प्रक्रिया में अनेक विसंगतियां उजागर हो रही हैं. विश्वविद्यालय स्तर पर केंद्रीयकृत आवेदन और उसके आधार पर कॉलेज आवंटित करने की व्यवस्था ने जिला के कॉलेज प्रशासन की समस्या बढ़ा दी है. पूरे विश्वविद्यालय में सर्वाधिक 17 विषयों में पीजी तक की पढ़ाई वाले राम लखन सिंह यादव महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. (डॉ) अभय कुमार बताते हैं कि विद्यार्थियों और अभिभावकों की बड़ी मांग के बाद कॉलेज प्रशासन के द्वारा दर्शन शास्त्र, संस्कृत, भोजपुरी और उर्दू में भी पीजी तक की पढ़ाई हमारे कॉलेज में शुरू करने का अनुरोध विहित प्रारूप में किया गया है. बावजूद इसके अब तक इसकी स्वीकृति नहीं दी गई है. वही दूसरी ओर संगीत, कॉमर्स संकाय के एकाउंट्स आदि विषयों में सारण, सिवान और गोपालगंज जिले के छात्र छात्राओं का चयन हमारे कॉलेज में एडमिशन करवा दिया गया है. प्राचार्य बताते हैं कि ऐसा निर्णय नियम संगत होने के बावजूद व्यवहारिक तौर पर सही नहीं कहा जा सकता. उसमें भी नामांकन के साथ आवेदन प्रक्रिया जारी रहने के बावजूद अब तक औसतन 50 फीसदी से भी कम नामांकन हो पाया है .उसमें भी गृह और भौतिक विज्ञान में मात्र 19-19 गणित में 20, रसायन विज्ञान में 21, वनस्पति विज्ञान में 24, अर्थशास्त्र और प्राणी शास्त्र में 26-26 छात्र छात्राओं ने ही नामांकन कराया है. ——— बीटेक, बीसीए, बीबीए के विद्यार्थियों का कला संकाय के विषयों में चयन बीटेक, बीसीए, बीबीए जैसे तकनीकी विषयों में बैचलर डिग्री धारी विद्यार्थियों का आश्चर्य जनक रूप में हिन्दी, इतिहास,अंग्रेजी जैसे कला संकाय के स्नातकोत्तर कक्षाओं में एडमिशन के लिए चयन कर के एडमिशन लेने के लिए भेज दिया जा रहा है. बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के स्तर से ऐसी कारगुज़ारी जिला के पीजी कॉलेजों के लिए भारी सरदर्द बन गई है. महारानी जानकी कुंवर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.(डॉ) रवींद्र कुमार चौधरी बताते हैं कि उच्च शिक्षा के विहित प्रावधानों के अनुसार बीटेक,बीसीए, बीबीए डिग्रीधारी कम से कम चार विद्यार्थियों को हमने आर्ट्स के पीजी क्लास में एडमिशन से इनकार करते हुए वापस लौटाया है. उन्होंने बताया कि संभव है कि विश्वविद्यालय के एडमिशन के साइट पर कंप्यूटर आधारित गलत प्रविष्टियां दर्ज हो जाने से ऐसी गलतियां हो रहीं हों. प्राप्त जानकारी के अनुसार इस समस्या को स्वयं कुलपति महोदय ने संज्ञान में लेकर 24 फरवरी को सभी संबंधित की मीटिंग बुलाई है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है