रामनगर. वाल्मीकि टाइगर परियोजना के सोमेश्वर पहाड़ पर विराजती माता कालका के दर्शन को श्रदालुओं की भीड़ चैत नवमी के दिन भी देखी गयी. यात्रियों ने दुर्गम रास्तों की परवाह किए बिना दर्शनीय ऐतिहासिक स्थलों का दीदार किया. जहां रास्ते में परेवा दह, भर्तृहरि कुट्टी आदि दर्शनीय स्थलों का गर्मी की तपिश बढ़ने के बाद दशमी से गोबर्धना वन कार्यालय के प्रवेश द्वार श्रद्धालु के लिए रविवार को बंद हो जाएगा. इस वजह से बड़ी तादाद में श्रद्धालुओं ने दर्शन किया. यात्रा के अंतिम चरण में गोबर्धना वन कार्यालय के मुख्य दरवाजे के समीप लगी दुकानों की भीड़ बढ़ गयी. सोमेश्वर जाने वाले यात्रियों के लिए रामनगर गोबर्धना मुख्य मार्ग के समीप स्थित बखरी बाजार, मंचगवा आदि गांवों समेत गोबर्धना वन कार्यालय के पास पूजन सामग्री की दुकानों से पूजन सामग्री खरीदा. इस बार वन पदाधिकारियों की पहल से ईडीसी पहले की अपेक्षा तत्पर दिखे. इनके द्वारा एंबुलेंस, दवा, पानी, सफाई की सुविधा प्रदान की गयी. गोवर्धना वन कार्यालय के रेंजर सत्यम कुमार ने बताया कि नवमी के दिन दोपहर तक भक्त सोमेश्वर पहाड़ स्थित मंदिरों में जाते रहे. यात्रियों की सुरक्षा में वन विभाग तथा एसएसबी जवान कालका मंदिर के रास्ते में चप्पे-चप्पे पर तैनात है. पूर्व में कालका मंदिर की दान पेटी पर जो नेपाल का पूरी तरह से कब्जा हो गया था. इस बार वन विभाग और एसएसबी की पहल से उक्त दान पेटी के रुपये से भारतीय यात्रियों के लिए जरूरत के मुताबिक चना, गुड़ आदि सामग्रियां देने की स्वीकृति दी गयी है. नवमी तक लगभग 70 हजार लोग पूजन के लिए गए है.
रामनवमी पर देवी मंदिरों में उमड़ी भीड़
रामनगर. रामनवमी के मौके पर स्थानीय दुर्गा मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. महिलाओं ने मंदिर के बगल में हलवा पूड़ी निर्मित कर देवी दुर्गा को भोग लगाया. अहले सुबह से ही नवरात्रि का उपवास रखे श्रद्धालु हवन के लिए मंदिर का रुख किये. बड़ी संख्या में महिला व पुरुष श्रद्धालुओं ने भी देवी पूजन में भाग लिया. भीड़ बढ़ने से मंदिरों के आसपास पूजन सामग्री बेच रहे दुकानदारों की चांदी रही. मंदिर में मौजूद पुजारी ने दुर्गा सप्तशती आदि का पाठ किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

