बेगूसराय. सदर अस्पताल परिसर स्थित जिला स्वास्थ्य समिति के सभागार में सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार अध्यक्षता में सभी प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी एवं स्टॉफ नर्स के बीच प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें डॉ रतीश रमन एवं जिला योजना समन्वयक प्रिया बसंत के द्वारा अपने अपने विषय वस्तु पर निम्न बिन्दुओं पर चर्चा की गई. सर्वप्रथम उन्होंने बताया कि पोषण पुनर्वास केंद्र यह स्वास्थ्य सुविधाओं में स्थापित एक इकाई है. जहां तीव्र कुपोषणद्ध वाले बच्चों को भर्ती किया जाता है,और उनका प्रबंधन किया जाता है.
कुपोषित बच्चों की होती है पहचान
एकीकृत बाल विकास सेवाओं के साथ एक स्थिर संबंध का उपयोग करके समुदाय में गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों की पहचान करता है और उन्हें संदर्भित करता है. बच्चों को भारतीय बाल चिकित्सा अकादमी 2006 और नई डब्लूएचओ 2009 की सिफारिशों के अनुसार अपनाए गए निर्धारित प्रवेश मानदंडों के अनुसार एनआरसी में भर्ती किया जाता है. साथ ही उन्हें चिकित्सा और पोषण संबंधी चिकित्सीय देखभाल प्रदान की जाती है. एनआरसी से छुट्टी मिलने के बाद बच्चा तब तक पोषण पुनर्वास कार्यक्रम में रहता है. जब तक कि वह कार्यक्रम से छुट्टी के निर्धारित मानदंडों को पूरा नहीं कर लेता. उपचारात्मक देखभाल के अलावा बच्चों के लिए समय पर पर्याप्त और उचित भोजन पर विशेष ध्यान दिया जाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है