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लंबित 410 मामलों में 398 का किया गया निबटारा

बिहार राज्य महिला आयोग की टीम अब राज्य के सभी जिलों में जाकर महिला उत्पीड़न और उनसे जुड़े हिंसा के लंबित मामलों का समाधान करेगी.

बेगूसराय. बिहार राज्य महिला आयोग की टीम अब राज्य के सभी जिलों में जाकर महिला उत्पीड़न और उनसे जुड़े हिंसा के लंबित मामलों का समाधान करेगी. इसकी शुरुआत बेगूसराय से की गई है. प्रत्येक गुरुवार और शुक्रवार को आयोग की टीम जिलों में जाकर महिलाओं की समस्याएं सुनेगी एवं उसका समाधान किया जाएगा. यह जानकारी आज बेगूसराय में आयोजित प्रेसवार्ता में महिला आयोग के अध्यक्ष अप्सरा ने दी. उन्होंने कहा कि 14 महीने से आयोग बंद पड़ा था. 9 जून को गठन किया गया है, उसके बाद जब लंबित मामले देखे गए तो सबसे अधिक 410 मामले बेगूसराय जिला में लंबित थे. इसके मद्देनजर मेरे नेतृत्व में सदस्य श्यामा सिंह एवं पिंकी कुमारी कुशवाहा यहां आए. अधिकारियों के साथ बैठक की एवं महिलाओं से मिले. जिसमें 398 मामले का निष्पादन किया गया है. 7 पीड़ित महिलाओं को आयोग के कार्यालय में बुलाया गया है. जबकि पांच मामले को फिर से देखने का आदेश एसपी को दिया गया है. उन्होंने बताया कि जब तक महिलाओं के दुख दूर नहीं होंगे, महिला आयोग उनके द्वारा जाती रहेगी. महिला को प्रताड़ित करने वाले चाहे कितने भी प्रभावशाली लोग होंगे, उनका कुछ नहीं चलेगा और महिलाओं को न्याय दिलाया जाएगा. न्याय संगत और संविधान प्रदत्त अधिकार कोई भी हो उसे महिलाओं को देना होगा. आयोग 14 महीने तक बंद रहा, उससे पहले बड़ी संख्या में सभी जिलों के केस लंबित थे. इसके लिए प्राथमिकता के आधार पर इसका निपटारा किया जा रहा है. रोज करीब नए 50 केस आ रहे हैं, जल्दी-जल्दी तारीख देकर सभी का निष्पादन किया जा रहा है. प्रत्येक गुरुवार और शुक्रवार को महिला आयोग की टीम जिलों में जाकर समस्या का समाधान करेगी. उन्होंने कहा कि बेगूसराय जिला की सभी लंबित समस्याओं का समाधान कर दिया गया है.अब 3 और 4 जुलाई को टीम मधुबनी जाएगी, 10 और 11 जुलाई को सीतामढ़ी, 17 और 18 जुलाई को दरभंगा एवं 24 और 25 जुलाई को गया में महिला आयोग आपके द्वार कार्यक्रम होगा. अभी 12 जिलों का रोड मैप बनाया गया है. इस बार जो महिला आयोग की टीम बनी है, कानून की जानकारी है और अधिकार जानती है. किसी के प्रभाव में आकर फैसला नहीं लिया जाएगा. ऑफिस में सेक्सुअल हैरेसमेंट हो या कामकाजी महिलाओं से अन्याय हो, यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. महिला आयोग की टीम स्कूल और कॉलेज में जाकर जागरूक करेगी. जीविका दीदी को भी जोड़कर गांव-गांव में महिलाओं को जागरूक किया जाएगा. वन स्टॉप सेंटर को निर्देश दिया गया है कि पीड़ित महिलाओं से भावनात्मक रूप से जुड़े और अपना नंबर अधिक से अधिक प्रसारित करें.

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