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नाटक हंसुली में कलाकारों ने भारतीय परिवारों में आयी मूल्यों की गिरावट का किया जीवंत चित्रण

संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से रंग संस्था ’द प्लेयर्स एक्ट’ द्वारा दिनकर कला भवन, बेगूसराय में आयोजित चतुर्थ राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव रंग उत्सव 2025 के चौथे दिन समूहन कला संस्थान आजमगढ़, उत्तर प्रदेश की नाट्य प्रस्तुति "हंसुली " का मंचन किया गया.

बेगूसराय. संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से रंग संस्था ’द प्लेयर्स एक्ट’ द्वारा दिनकर कला भवन, बेगूसराय में आयोजित चतुर्थ राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव रंग उत्सव 2025 के चौथे दिन समूहन कला संस्थान आजमगढ़, उत्तर प्रदेश की नाट्य प्रस्तुति “हंसुली ” का मंचन किया गया. नाटक ‘हंसुली’ भारतीय परिवारों में भौतिकता के कारण आयी मूल्यों की गिरावट का जीवंत चित्रण है. कहानीकार डॉ अखिलेश चन्द्र की लिखी कहानी पर राजकुमार शाह द्वारा रूपांतरित नाट्य आलेख उन सामाजिक और पारिवारिक रिश्तों पर भौतिकता के उस रंग रोगन को दर्शाता है जिससे आज परिवार में आपसी रिश्ते तार तार हो रहे है. ‘हंसुली’ सिर्फ एक आभूषण नहीं वरन परिवार की सत्ता का सूचक भी है. इसलिए माया अपनी सास चिन्ता से उसे किसी भी दशा में पाना चाहती है, क्योंकि वह परिवार की परम्परा, मान सम्मान और संस्कारों का प्रतीक है. माया की छटपटाहट उसी पारिवारिक विरासत को सहेजे रखने की है. परन्तु अगली पीढ़ी इतनी संवेदनशील और भावुक नहीं है जो अपने पूर्वजों के संस्कारों को जी सके. भले घर की इज़्जत पंचायत में तार-तार हो जाये, पर वह हंसुली के दो टुकड़े करने पर आमादा हो जाती है. निजी स्वार्थ के आगे रिश्ते निभाने के बजाय ढ़ोंग भर रह जाते है. नाटक अपने कथ्य में भारतीय परिवारों में भौतिकता के कारण आयी मूल्यों की गिरावट को सहज ढ़ग से उजागर करता है. कुल मिला कर दर्शकों को एक शानदार प्रस्तुति को देखने और उसका आनंद उठाने का अवसर मिला कथावाचक की भूमिका में राजकुमार शाह, माया की भूमिका में मोनी साहनी, बांके की भूमिका में नवीन चन्द्रा, गौरव की भूमिका में राजेश कुमार, चंदन की भूमिका में सुनील कुमार, लीला की भूमिका में शीतल साहनी , मंजू की भूमिका में मनी अवस्थी, नन्दा की भूमिका में माधुरी वर्मा, भोला काका की भूमिका में रूप नारायन निषाद, कोरस, ग्रामवासी एवं गायकवृंद के रूप में आदित्य विश्वकर्मा, राजन कुमार झा ने अपने सधे हुए अभिनय और सशक्त संवाद शैली से कहानी को जीवंतता प्रदान किया. मंच परे अजय कुमार के हारमोनियम वादन गौरव शर्मा का ढोलक एवं तबला वादन और तुषार बंधोकर के बांसुरी वादन ने पुरे नाट्य संगीत को कर्णप्रिय और सरस बनाए रखा. घर घर की कहानी को बयां करते इस नाट्य प्रस्तुति ने दर्शकों के दिलों तक अपनी पहुंच बनाई और आयोजन को ऊंचाई प्रदान किया. मंचन के पूर्व राज किशोर सिंह, डॉ रंजन कुमार चौधरी, आयकर पदाधिकारी राजकुमार भारती, वार्ड पार्षद शगुफ्ता ताजवर, वरिष्ठ रंगकर्मी दीपक सिन्हा एवं युवा अभिनेता कुमार अभिजीत मुन्ना ने सम्मिलित रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया . संस्था के अध्यक्ष समीर शेखर, सचिव चंदन कुमार सोनू और गुरु कुंदन कुमार व सदस्य गुंजन सिन्हा ने अतिथियों को अंग वस्त्र, प्रतिक चिन्ह और पुष्प गुच्छ से सम्मानित किया, कार्यक्रम का संचालन युवा कवि व रंगकर्मी दीपक कुमार ने किया. प्रस्तुति के उपरांत निर्देशक राजकुमार शाह को वरिष्ठ रंग निर्देशक अवधेश, रवेज युसूफ एवं डॉ अमित रौशन ने सम्मिलित रूप से अंग वस्त्र, प्रतिक चिन्ह और पुष्प गुच्छ से सम्मानित किया.

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