नावकोठी. प्रखंड के विभिन्न पंचायतों के आशा कार्यकर्ता सात सूत्रीय मांगों के समर्थन में बुधवार से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गये हैं. बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ एक्टू के निर्णयानुसार यह हड़ताल आहुत किया गया. आशा कार्यकर्ताओं के हड़ताल से प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत लगने वाला शिविर फेल हो गया. एक भी गर्भवती महिला शिविर में स्वास्थ्य जांच के लिए नहीं आयी. ओपीडी भी ठप रहा. आशा कार्यकर्ता पीएचसी के मेनडेट पर जमा होकर सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी की. उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में 32 दिवसीय हड़ताल के क्रम में आशा कार्यकर्ता, फेसिलिटेटर के मासिक मानदेय राशि 1000रूपये को बढाकर 2500 रूपये करने का निर्णय लिया गया. दो वर्ष बीत जाने के बाद भी राज्य सरकार इसे लागू करने में आनाकानी कर रही है. विभिन्न कार्यों के लिए वर्षों पूर्व तय राशि में केन्द्र सरकार के द्वारा 10 वर्षों से कोई पुनरीक्षण नहीं किया गया.पिछला सारा बकाया का भुगतान करने हेतु पोर्टल व्यवस्था में सुधार करने , रिटायरमेंट की आयु 65 वर्ष तथा 10 लाख रूपये, अनिवार्य मासिक पेंशन की सुविधा, हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर से जुड़ी आशाओं को देय राशि का भुगतान पोर्टल के माध्यम से करने आदि शामिल हैं. इसमें कविता देवी, सुमित्रा देवी, लक्ष्मी देवी, रूक्मिणी देवी, अंजु कुमारी, मुनचुन कुमारी, रंजू कुमारी, वंदना कुमारी,बसंती कुमारी, पूनम कुमारी, रीता कुमारी, राधा कुमारी, आशा मिश्रा, मुन्नी कुमारी आदि शामिल थे.
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