बीहट. सिमरिया गंगा तट पर भगवान भास्कर महोत्सव-2025 का आगाज आकाश गंगा रंग चौपाल एसोसिएशन के कलाकारों द्वारा किया गया.आयोजन का शुभारंभ जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी श्याम सहनी के द्वारा किया गया.जिला प्रशासन और कला,संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत में नरेश कुमार,बलिराम बिहारी, निधि कुमारी,अंजली कुमारी द्वारा प्रस्तुत छठ गीत उगा हो सुरुज देव भोरे भिनसरबा,अरग केरे बेरवा.. तो पूरा पंडाल भक्ति भाव में झूमने लगा.इस मौके पर कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से लोगों का दिल जीत लिया.छठ गीत के मीठे धुन ने सिमरिया धाम में आये हुए श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया.आरंभ में कलाकारों ने सुतल छलिये बाबा के महलिया गीत गाकर बिहार कोकिला,लोक संस्कृति की आवाज़ शारदा सिन्हा को विनम्र श्रद्धांजलि दी.कार्यक्रम का संचालन संस्था के सचिव गणेश गौरव और अध्यक्ष डॉ कुंदन कुमार ने किया.वहीं इनके साथ कलाकारों में पल्लवी,अभिलाषा,आरुषि,कविता,माही ने आठ ही काठ के कोठरिया हो दीनानाथ,लालू बिहारी,महेश कुमार ने गंगा जी के निर्मल पनिया गीत के माध्यम से जल और प्रकृति के प्रति आस्था का संदेश दिया.राजू, निखिल,शिवम,श्याम,रजनीश,बिट्टू,अंकित,अंकित राज ने उठाब डलिया हमरा माथा पर,सुगा तोहर लाले लाल आदि गीत गाकर दर्शकों को आनंदित किया.संगत कलाकार में तबला पर संतोष कुमार,नाल पर दिनेश दीवाना,पैड पर मोनू और बैंजों पर नित्यानंद के साथ में मनीष कुमार,राधे,जितेंद्र,रवि वर्मा,अमर ज्योति द्वारा कार्यक्रम का संयोजन किया गया.इसके पूर्व महोत्सव का शुभारंभ करते हुए कला एवं संस्कृति पदाधिकारी श्याम कुमार सहनी ने कहा कि दुनिया का एकमात्र देश भारत है जहां हम सभी लोग अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देते आ रहे हैं.उन्होंने कहा कि छठ महापर्व जहां एक तरफ हमें समाजिक सौहार्द से जोड़ने का काम करता है,वहीं दूसरी तरफ प्रकृति की रक्षा के लिए हमें प्रेरित करता है.कहा कि सूर्य,नदी,पानी,पेड़ की एक साथ पूजा हम छठ महापर्व में करते आ रहेे हैं.इस अवसर पर संस्था के सभी कलाकारों को भास्कर महोत्सव 2025 का अंगवस्त्र,सम्मान पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया गया.मंच सहयोगी के रूप में रामसुंदर गांधी की भूमिका अहम रही.
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