अमरपुर. प्रखंड के गरीबपुर पंचायत अंतर्गत भलुआर गांव के समीप 20 वर्ष पूर्व बना बड़ी बांध की पुलिया ध्वस्त होने से किसानों के समक्ष आने वाले दिनों में पटवन की समस्या विकराल रूप लेने की आशंका प्रबल हो गयी है. मौके पर मौजूद किसान रितेश रमण, चुरो तांती, सुनील यादव, राहुल यादव, विपिन यादव, जितेंद्र मंडल, शमाली तांती आदि ने बताया कि लघु जल संसाधन विभाग के द्वारा सन् 2001-02 में बड़ी बांध का निर्माण किया गया था. जिसमें चांदन नदी के घोघा बीयर से पानी आती थी और उस पानी से पवई, दौना, जानकीपुर, ओड़ैय, डुमरिया, कामदेवपुर, भिखनपुर, महादेवपुर आदि गांव के किसान हजारों एकड़ की खेतीहर भुमि का पटवन करते आ रहे थे. पानी रोकने को लेकर विक्रमपुर-भलुआर गांव के समीप करोड़ों रूपये की लागत से पुल का निर्माण किया गया था, जिससे समय-समय पर किसान अपने-अपने खेतों का पटवन करते आ रहे थे. ग्रामीणों ने बताया कि साल भर पुर्व पुल के अंदर एक बड़ा होल हो गया, जिसकी सूचना विभाग को दिया गया, लेकिन विभाग की लापरवाही के कारण होल बंद कराने की दिशा में कोई कार्य नहीं किया गया. जिस कारण होल दिन प्रतिदिन बड़ा होता गया ओर पानी की दबाव के कारण पुल का एक हिस्सा ध्वस्त हो गया. पुलिया ध्वस्त होते ही बांध का पानी का बहाव उल्टी दिशा की ओर होने लगा. ग्रामीणों ने बताया कि अगर जल्द ही पुलिया की मरम्मती नहीं की गयी तो आने वाले समय में पुरा पुल ध्वस्त होकर जमींदोज होने से इनकार नहीं किया जा सकता है. जिस कारण महादेवपुर पंचायत, पवई पंचायत, भिखनपुर पंचायत तथा गरीबपुर पंचायत के सैकड़ों गांव के किसानों के समक्ष पटवन की समस्या विकराल रूप धारण कर सकती है. किसानों को बारिश की पानी के भरोसे पटवन का इंतजार करना पड़ सकता है. समाजसेवी सह किसान रितेश रमण ने बताया कि वर्षों से ग्रामीण बड़ी बांध पर पुल निर्माण कर पक्की सड़क बनाने की मांग कर रहे हैं. अगर बड़ी बांध पर पुल निर्माण कर पक्की सड़क बना दी जाती है तो सैकड़ों गांव के ग्रामीणों को अमरपुर मुख्यालय जाने में करीब 12 से 15 किमी आवाजाही करने से बचत हो जायेगी. ग्रामीण तीन से चार किमी की दुरी तय कर अमरपुर मुख्यालय पहुंच सकते हैं. आज बड़ी बांध आम लोगों के लिए खतरे का सबब बनकर रह गयी है. पिछले माह खरदौरी गांव के एक किशोर की मौत बांध में डुबकर हो गयी थी. ग्रामीणों ने अविलंब विभाग के अधिकारियों से बड़ी बांध की ध्वस्त पुलिया की जगह नई पुलिया तथा सड़क निर्माण की मांग की ताकि आने वाले समय में लोगों व किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े.
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