बांका. कलश स्थापना के साथ रविवार को चैत नवरात्र की शुरुआत हो गयी. जिसे लेकर सुबह से ही श्रद्धालु जिलेभर के विभिन्न चैती दुर्गा मंदिर में मां की आराधना में जुटे रहे. इस दौरान वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मां के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की आराधना की गयी. वहीं विभिन्न मंदिरों में नवरात्र के प्रथम दिन पंडित द्वारा देवी प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद प्रसीद मातर्जगतो खिलस्य, प्रसीद विश्वेश्वरि पाहि विश्वं त्वमीश्वरी देवि चराचरस्य…शरणागत की पीड़ा दूर करने वाली देवी हम पर प्रसन्न हो जाओ…संपूर्ण जगत की माता प्रसन्न हो जाओ… विश्वेश्वरि विश्व की रक्षा करो देवी तुम्हीं चराचर जगत की अधीश्वरी हो…की गुहार के साथ कलश स्थापना की गयी. उधर पूजा पाठ शुरु होने से क्षेत्र में भक्तिमय का माहौल बना हुआ है. आदिशक्ति की आस्था और भक्ति में डूबे श्रद्धालु चैत्र नवरात्र पर्व में मां आदिशक्ति की पूजा-अर्चना शुरू हो गयी है. श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा है. रविवार की पहली किरण के साथ नवरात्र की धूम शुरू हो गयी. घर, मंदिरों व पूजा पंडालों में घट स्थापना की गयी. नौ दिनों तक माता की नित्य दिन पूजा-अर्चना होगी. पहले दिन भक्तों ने मां शैलपुत्री की अराधना की. मान्यता के अनुसार, पर्वतों के राजा हिमालय के घर में पुत्री का जन्म हुई थी. मां शैलपुत्री ने अपनी भुजाओं में त्रिशुल व कमल का फूल धारण की है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

