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कचड़े के ढेर में है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खेसर

————–कचड़े के ढेर में है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खेसर- जर्जर हो गया है भवन- आक्रोशित है क्षेत्र के लोग फोटो 10 बांका 24 : जर्जर भवन के आगे लगा कचड़े का ढेर फुल्लीडुमर : पिछले कई वर्षों से अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खेसर कचड़े के ढेर व खंडहर में तब्दील हो चुका है. डॉक्टर के […]

————–कचड़े के ढेर में है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खेसर- जर्जर हो गया है भवन- आक्रोशित है क्षेत्र के लोग फोटो 10 बांका 24 : जर्जर भवन के आगे लगा कचड़े का ढेर फुल्लीडुमर : पिछले कई वर्षों से अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खेसर कचड़े के ढेर व खंडहर में तब्दील हो चुका है. डॉक्टर के अभाव में यह केंद्र मृत पड़ा हुआ है. यहां डॉक्टर की समुचित व्यवस्था नहीं होने से उक्त अस्पताल का अस्तित्व खत्म हो चुका है. क्षेत्र के लोगों को इलाज के लिए दो – चार होना पड़ता है. किसी तरह से अपना इलाज ग्रामीण चिकित्सकों से करवाते है. मालूम हो कि 1954 ई. में बने देव नारायण राजकली दातव्य अस्पताल का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है. जहां चिकित्सक का आवास होना था वहां आज कचड़े का अंबार लगा हुआ है. यहां के अस्पताल कर्मचारियों से फुल्लीडुमर अस्पताल में कार्य कराया जा रहा है. फिलहाल खेसर अस्पताल का पश्चिमी भाग अतिक्रमण कारियों द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है. जिस पर किसी पदाधिकारी का ध्यान नहीं है. अस्पताल परिसर में बने कुआं को स्थानीय दुकानदारों द्वारा कचड़े डालने के रूप में प्रयोग किया जा रहा है. वहीं जमीन दाता स्व. देव नारायण भगत के परिजन राम कृष्ण प्रसाद भगत अस्पताल के विधि व्यवस्था से काफी नाखुश है. इन्होंने बताया कि इलाके के गरीब लोगों के समुचित इलाज के लिए अस्पताल बनाया गया था, लेकिन आज इसकी स्थिति बद से बदतर हो गयी है. क्षेत्र के बुद्धिजीवियों ने कहा कि अगर स्वास्थ्य केंद्र की यही स्थिति रही तो आये दिन बड़ी आंदोलन होने की नौबत आ सकती है. इस संबंध में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र फुल्लीडुमर के प्रभारी डा. विरेंद्र कुमार यादव ने बताया कि पहले से ही डॉक्टर का अभाव है.

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