23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

फुल्लीडुमर के 59 किसानों के बीच आपदा राहत की राशि वितरित केंदुआर पंचायत

फोटो – 7 बांका-19 – पाइनस कोन को दिखाते जीव विज्ञान शिक्षक प्रवीण कुमार प्र्रणव – साइकस व पाइनस है जीवित जीवाश्म बांका: एसकेपी विद्या विहार राजपुर के जीव विज्ञान शिक्षक प्रवीण कुमार प्रणव ने पाइनस के फीमले कोन के बदलते स्वरुप की जानकारी छात्रों को दी. उन्होंने बताया कि पिछले दिनों कश्मीर यात्रा के […]

फोटो – 7 बांका-19 – पाइनस कोन को दिखाते जीव विज्ञान शिक्षक प्रवीण कुमार प्र्रणव – साइकस व पाइनस है जीवित जीवाश्म बांका: एसकेपी विद्या विहार राजपुर के जीव विज्ञान शिक्षक प्रवीण कुमार प्रणव ने पाइनस के फीमले कोन के बदलते स्वरुप की जानकारी छात्रों को दी. उन्होंने बताया कि पिछले दिनों कश्मीर यात्रा के दौरान वटनी कश्मीर विश्व विद्यालय से काफी संख्या में पाइनस के फीमेल कोन लाया था. तब वह कोन प्रौढ़ नहीं हुआ है. स्कूल के प्रयोगशाला में फॉरमलीन नामक केमिकल में डूबोकर लगभग दो वर्ष तीन महीना 15 दिन तक रहा. हाल में 10 दिन बाद उसके रंग में परिवर्तन देख कर छात्रों की मदद से फिमेल कोन को केमिकल मुक्त करते हुए पानी से धोया गया.धोने के बाद खुले कमरे में छांव में रखा गया. प्रतिदिन उसका निरीक्षण किया गया तो उसमें एक अजूबा दृश्य दिखा उसके रंग में परिवर्तन पाया गया. आम तौर पर समुद्र तल से करीब 10,000 फीट की ऊचाई पर पाये जाने वाले इस वृक्ष का रंग एवं प्रयोगशाला में प्रयोग के बाद के रंगों में समानता पायी गयी. इससे साफ तौर पर स्पष्ट हो गया कि प्रयोगशाला में भी जीवन चक्र पूरा करने में यह पादप सफल है. आम तौर पर यह 4 वर्षों में मैच्यूर हो जाता है. इसे छूने पर लकड़ी जैसा महशूस होता है जो भूरे रंग का होता है. कहते हैं रेंजर : बांका के रंेजर उदय शंकर का कहना है कि सुपहा वन विज्ञान प्रयोगशाला में भी पाइनस के बीज से पौधा तैयार करने का प्रयास किया जायेगा. इस प्रयोग में स्थानीय जीव विज्ञान विशेषज्ञ की भी मदद ली जायेगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें