।। संजीव सिंह ।।
बांका : बेटी अनमोल है, घर की लक्ष्मी है, समाज का गौरव है, आज वो हर कदम पर लड़कों से कम नहीं है. घर की गौरव है जरूरत है बेटी के महत्व को समझ कर कन्या भ्रूण हत्या पर रोक लगाने की, इससे घर आंगन में बेटी की किलकारी गूंजेगी, जिससे देश में बढ़ रहे लिंग अनुपात पर भी अंकुश लगेगा. साथ ही इस अभियान में बेटी के जन्म पर उसके नाम से पौधे लगा कर पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दे रहे है.
ऐसी ही अनूठी पहल एक अभियान के तहत जयपुर ओपी क्षेत्र आदिवासी बाहुल नक्सल प्रभावित पिछड़ा पंचायत गांव बलियास में आरंभ की गयी है. जहां बेटी बचाओ अभियान ने जोर पकड़ लिया है. अब तक पंचायत में आधा दर्जन बेटियों के जन्म पर उत्सव मनाया जा चुका है.
* कहती हैं डीपीसी
डीपीसी रीता कुमारी के अनुसार भ्रूण हत्या पर रोक लगाने एवं पर्यावरण में हरियाली लाने के उद्देश्य के साथ उनके टीम के लोग पंचायत में बेटी के जन्म की सूचना पर एक माह के अंदर उनके घर उत्सव मनाते हैं. उपहार भेंट करते हुए बधाई भी देती है. पौधे भी लगाती है. जिले में चलने वाले इस अभियान के तहत पिछड़े और अशिक्षित इलाके में अभियान जोर पकड़ चुका है. फिलहाल कटोरिया और चांदन प्रखंड से आगाज हुआ है.
* कैसे शुरू हुआ अभियान
कोल्हासार पंचायत सीआरपी रंजू देवी ने कहा कि क्षेत्र में अशिक्षा के कारण लोग बेटी को पैदा करने से पहले ही रोक देते थे. प्रत्येक दस गांव पर एक महिला सीआरपी का चयन कर उनके द्वारा वर्ष 2012 से क्षेत्र का सर्वे कराया गया, जिसमें मुख्य बात सामने आयी कि अशिक्षा, महिला हिंसा, बेटी की भ्रूण हत्या, बाल विवाह और दहेज प्रताड़ना के मामले काफी है.
* बेटी के जन्म पर मनी खुशियां
कटोरिया प्रखंड क्षेत्र के ग्रामीण महिलाओं के साथ काम कर रही महिला समख्या सोसाइटी, जयपुर के पंचायतों में फैले सदस्यों के द्वारा पंचायत सोसाइटी प्रमुख डीपीसी रीता कुमारी के नेतृत्व में कार्य का शुभारंभ किया गया है. कोल्हासार पंचायत के बलियास गांव में सोनेलाल हांसदा के घर बहादी किस्कू की गोद में एवं बेटका हेंब्रम के घर मंझली मुर्मू की गोद में बेटी ने जन्म लिया. उनके जन्म के बाद उनके घर सीता ग्रुप महिला समख्या दल के लोग पहुंच कर बेटी के लिए ढोल के थाप पर बधाई गीत गाये. मिठाइयां भी बांटी गयी.
नवजात के मां को बच्ची के कपड़े, बेबी हेल्थ कीट भेंट किये गये. बेटी के जन्म की खुशी में फलदार आम के पौधे भी लगाये गये, जिसमें गांव की बेटी व पंचायत के मुखिया दीवान किस्कू व संकुल स्तर के सीआरपी रंजू देवी भी शामिल हुए. बेटा और बेटी में अंतर नहीं है इसके बारे में भी जानकारी दी गयी.
* कहते हैं पंचायत मुखिया
कोल्हासार के मुखिया दीवान किस्कू ने कहा कि एक पिछड़े क्षेत्र में अनूठी पहल है. इसकी व्यापकता पर ध्यान दूंगा.
* ग्रामीणों ने कहा
बेटी के जन्म पर मां बनी बहादी किस्कू एवं मंझली मुमरू ने कहा कि कभी वे सपने में भी नहीं सोचा था कि उनके घर बेटी के जन्म पर उत्सव ऐसा होगा. हमारी जैसी खुशी सबको मिले.