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प्रसव बाद नवजात की मौत

बौंसी : बौंसी रेफरल अस्पताल में मरीजों के साथ इलाज में लापरवाही का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. आये दिन मरीजों एवं उनके साथ आये परिजनों को किसी न किसी समस्या से जूझना पड़ रहा है. मंगलवार को भी प्रखंड क्षेत्र के योगिया गांव निवासी सुमंत मिश्रा अस्पताल में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों […]

बौंसी : बौंसी रेफरल अस्पताल में मरीजों के साथ इलाज में लापरवाही का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. आये दिन मरीजों एवं उनके साथ आये परिजनों को किसी न किसी समस्या से जूझना पड़ रहा है. मंगलवार को भी प्रखंड क्षेत्र के योगिया गांव निवासी सुमंत मिश्रा अस्पताल में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों के लापरवाही का शिकार हो गये. जिसकी वजह से प्रसव के बाद नवजात की मौत हो गयी.

सुमंत मिश्रा ने बताया कि वह अपनी पत्नी सपना मिश्रा को लेकर प्रसव पीड़ा के बाद रविवार को अस्पताल पहुंचे थे, लेकिन ड्यूटी पर तैनात नर्सों के द्वारा बताया गया कि हम पहले अपना काम करें या आपका. उसके बाद देर शाम वे लोग मरीज को लेकर वापस चले गये. दूसरे दिन सोमवार की सुबह 8 बजे पुन: अस्पताल पहुंचे, लेकिन यहां कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही की वजह से दोपहर 12 बजे प्रसव पीड़िता को एडमिट किया गया.
हालांकि अस्पताल से निर्गत चिट्ठे में मरीज के एडमिट होने का समय 12:17 दोपहर है. रात्रि करीब 11 बजे महिला ने नवजात को जन्म दिया. जिसके कुछ देर बाद उसकी मौत हो गयी. ड्यूटी पर तैनात नर्सों का कहना था कि बच्चा मरा हुआ ही पैदा हुआ था.
मरीज के परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर उसके मरीज को पहले ही रेफर कर दिया जाता तो ऐसी नौबत नहीं आती. साथ ही मरीज के परिजनों ने इलाज के नाम पर रुपये लेने का भी आरोप लगाया है. हद तो तब हो गयी कि इतनी बड़ी घटना के बाद अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक को नर्स के द्वारा इसकी कोई जानकारी नहीं दी गयी.
मंगलवार की सुबह बगैर डॉक्टर के सलाह लिए महिला को छोड़ दिया गया. हालांकि संवाददाता के द्वारा पड़ताल करने के बाद जब चिकित्सक संजीव कुमार को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने ऑन ड्यूटी एएनएम को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि बगैर चिकित्सक को सूचना दिये किस आधार पर मरीज को छोड़ दिया गया था.
अस्पताल सूत्रों की मानें तो प्रसव के बाद किसी भी मरीज को 24 घंटे से पहले छोड़ने का नियम नहीं है. रेफरल अस्पताल में इस तरह की घटना आये दिन होती रहती है और अस्पताल प्रबंधन इस दिशा में कार्रवाई करने के बजाय चुप्पी साधे बैठा रहता है.
कहते हैं रेफरल प्रभारी
इस संबंध में रेफरल प्रभारी डाॅ जितेंद्र नाथ ने बताया कि मरीज के साथ इलाज में कहीं कोई लापरवाही नहीं हुई है. साथ ही उन्होंने कहा कि मामले की छानबीन की जा रही है.

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