बांका : जिले में खरीफ धान खेती की स्थिति अच्छी नहीं है. जुलाई की शुरुआती बारिश से बिचड़ा का शत प्रतिशत अच्छादन जरूर हो गया है, परंतु हाल के दो दिनों में बारिश की एक बूंद नहीं पड़ने की वजह से बिचड़ा पर भी खतरा मंडरा गया है. अगर बारिश नहीं हुई, तो निश्चित रूप से किसानों की मेहनत पर पानी फिर जायेगा. आशंका यह भी है कि कहीं विगत वर्ष से अधिक सूखा का असर न दिखने लगे.
Advertisement
बारिश नहीं हुई, तो खेतों में ही सूख जायेगा बिचड़ा, नहीं हो पायेगी रोपनी
बांका : जिले में खरीफ धान खेती की स्थिति अच्छी नहीं है. जुलाई की शुरुआती बारिश से बिचड़ा का शत प्रतिशत अच्छादन जरूर हो गया है, परंतु हाल के दो दिनों में बारिश की एक बूंद नहीं पड़ने की वजह से बिचड़ा पर भी खतरा मंडरा गया है. अगर बारिश नहीं हुई, तो निश्चित रूप […]
हालांकि, बारिश की संभावना है. परंतु अपेक्षित पानी की दरकार है. चूंकि जून माह में बारिश नहीं होने की वजह से जिले भर में चिंता पसर गया है. वहीं सोमवार को हुई कृषि टास्क फोर्स की बैठक में डीएम ने डीजल अनुदान की राशि वितरण के साथ सभी डैम से सिंचाई के लिए पानी छोड़ने का निर्देश दिया गया है.
परंतु डैम परिक्षेत्र के बाद वाले किसान जो पूरी तरह बारिश के भरोसे हैं, उन किसानों के मेहनत का क्या परिणाम निकल कर आयेगा. इस पर मंथन जरुरी है. दरअसल, जिले में लक्ष्य के अनुरूप अबकी 9600 हेक्टेयर में बिचड़ा लगाया जा चुका है. जबकि धन रोपनी महज 96000 हेक्टेयर के विरुद्ध अब तक महज 13 फीसदी हो पायी है. बताया जाता है कि 25 जून से धन रोपनी में गति पकड़ सकती है.
अगर बारिश नहीं हुई तो बिचड़ा खेत में ही सूख जायेगा और धन रोपनी पर व्यापक असर पड़ने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है. ज्ञात हो कि 10 जुलाई तक अच्छी बारिश हुयी थी. परंतु 11 जुलाई से इसमें काफी गिरावट दिखने लगी है. 14 जुलाई को महज 1.22 एमएम जिले का औसत बारिश रहा. जबकि 15 जुलाई को शून्य बारिश हुयी. 16 जुलाई को दिनभर बारिश नहीं हुयी. विगत दो दिन से धूप भी बढ़ गयी है. जिससे बिचड़ा पर बुरा असर पड़ रहा है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement