सड़क पर चलना हुआ मुश्किल, शनिवार को सड़क पर उतरे सैकड़ों ग्रामीण
गोह. गोह प्रखंड के एसएच-68 से जुड़ी अरंडा–बख्तियारपुर–बसावनपुर सड़क की हालत बेहद खराब है. सड़क पर साइकिल चलाना तो दूर, पैदल चलना भी खतरनाक हो गया है. चुनावी माहौल में ग्रामीणों का गुस्सा अब खुले विरोध में बदल गया है. यह सड़क अरवल, गया और औरंगाबाद यानी तीन जिलों को जोड़ती है. वर्षों पहले इस सड़क का टेंडर हुआ था, लेकिन काम की हालत देख ठेकेदार बीच में ही भाग गया. बाद में टेंडर रद्द कर दिया गया. इसके बाद इसे उन्नयन योजना में शामिल कर कार्यपालक अभियंता (आरडब्लूडी) दाउदनगर ने पटना सचिवालय को प्रस्ताव भेजा, मगर फाइल आज तक अटकी हुई है. कई गांव के लोग सड़क के अभाव में बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. ग्रामीणों का कहना है कि खराब सड़क के कारण शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर बुरा असर पड़ रहा है. उपहारा मंडल भाजपा अध्यक्ष राजीव कुमार विद्यार्थी लगातार सचिवालय का दौरा कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है. शनिवार को ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा. सैकड़ों लोग हाथों में बैनर लेकर अरंडा मोड़ पर पहुंचे और जोरदार प्रदर्शन किया. भीड़ ने रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा लगाते हुए आगामी चुनाव में वोट बहिष्कार का एलान किया. प्रदर्शन का नेतृत्व संजीव कुमार उर्फ गुड्डू सिंह ने किया. इस मौके पर उप मुखिया हसामपुर सुधीर सिंह, मिथलेश सिंह, श्याम सिंह, शैलेंद्र सिंह, अभिषेक, सौरभ सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे. सबने एकजुट होकर सरकार से सड़क निर्माण की स्वीकृति और जल्द टेंडर प्रक्रिया शुरू करने की मांग की.विधायक पर ग्रामीणों का आरोप
ग्रामीणों का आरोप है कि क्षेत्रीय विधायक भीम कुमार सिंह इस सड़क के प्रति कभी गंभीर नहीं रहे. उनका कहना है कि विधायक इस इलाके के मतदाताओं को अपना कोर वोटर मानते ही नहीं, इसलिए उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जाता.सरकार से ठोस कदम की मांग
ग्रामीणों ने बिहार सरकार और विभागीय अधिकारियों से मांग की है कि सड़क की स्वीकृति तत्काल दी जाये. टेंडर प्रक्रिया पूरी कर जल्द निर्माण कार्य शुरू कराया जाये. लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द सड़क का निर्माण नहीं हुआ तो आंदोलन और तेज किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

