19.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

राजस्व महा अभियान के तहत कैंप लगाकर जमाबंदी पंजी प्रति का किया गया वितरण

जमीन दस्तावेज में सुधार की प्रक्रिया को सरल पारदर्शी व सुलभ बनाने का किया जा रहा प्रयास

जमीन दस्तावेज में सुधार की प्रक्रिया को सरल पारदर्शी व सुलभ बनाने का किया जा रहा प्रयास

अंबा. सरकार के राजस्व व भूमि सुधार विभाग रैयतो के समस्या निबटाने को लेकर हर संभव प्रयासरत्त है. इसके लिए राजस्व महाभियान चलाया जा रहा है. इस कार्यक्रम के तहत अंचल कर्मी किसान के द्वार तक पहुंच कर जमाबंदी, परिमार्जन व नामांतरण का प्रपत्र वितरण कर रहे है. इसके उपरांत जमाबंदी में किसी तरह के अशुद्धि रहने पर किसानों से सुधार के लिए प्रपत्र लिया जा रहा है. आइस क्रम में गुरुवार को प्रखंड मुख्यालय अंबा के पंचायत सरकार भवन में कैंप लगाया गया. कैंप में राजस्व कर्मचारी धर्मेंद्र कुमार के साथ प्रतिनियुक्त सभी कर्मी मौजूद रहे. राजस्व कर्मचारी ने बताया कि पहले 70 प्रतिशत का वितरण किया गया था. शेष बचे जमाबंदी धारक को पंजी की प्रति उपलब्ध कराई गई है. इसके साथ ही जिस जमाबंदी में अशुद्धि था, उसमें प्रपत्र जमा लिया गया तथा अशुद्धि के सुधार हेतु साक्ष्य से संबंधित दस्तावेज भी लिया गया. जिन जमाबंदी धारा का सुधार के लिए साक्ष्य सही पाया गया, उन्हें कैंप में ही ऑनलाइन सुधार किया गया है.

228 राजस्व गांव में प्रपत्र वितरण करने के लिए लगाये गये 350 कर्मी

कुटुंबा प्रखंड के 20 पंचायत के 228 राजस्व गांव में 80 हजार रैयतो के बीच जमाबंदी, परिमार्जन व नामांतरण प्रपत्र वितरण करने के लिए 350 कर्मी लगाये गये है. इनमें राजस्व कर्मचारी नौ पंचायत सचिव, सात सेविका, 125 टोला सेवक, 93 जीविका, 30 आवास सहायक, 15 पंचायत रोजगार सेवक, 16 सर्वेक्षता पर्यवेक्षक, 38 विकास मित्र के अलावा कृषि विभाग के 17 सलाहकार व एटीएम को लगाया गया है. हालांकि इसी बीच एक साथ-साथ कृषि विभाग में डिजिटल काॅप सर्व का कार्य शुरू है. ऐसे में कृषि कर्मियो को परेशानी हो रही है. उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि समय अपना काम निपटाए या राजस्व विभाग का. इधर प्रपत्र प्राप्त करने के लिए किसानो के बीच होड़ लगी है. जबकि कर्मी किसानो को खोज-खोज कर जमाबंदी प्रपत्र उपलब्ध करा रहे है.

क्या जानकारी देते हैं सीओ

कुटुंबा सीओ चंद्रप्रकाश ने बताया कि जमाबंदी परिमार्जन व नामांतरण प्रपत्र प्राप्त करने के पश्चात रैयत अपना नाम पिता का नाम, खाता, खेसरा, रकबा, जाति के साथ-साथ मलिकाना हक को केवाला, खतियान व वर्ष 1988 के रसीद से मिलान कर ठीक से समझ लेने का प्रयास करे. अगर इस क्रम में किसी प्रकार की त्रुटि रह गयी है, तो शिविर में सुधार को लेकर आवेदन देने का प्रयास करें. उन्होंने बताया कि प्रत्येक हल्का में दो शिविर लगाया जाना है. यह अभियान अनवरत 20 सितंबर तक जारी रहेगा. इसके बाद 21 सितंबर से 30 अक्तूबर तक किसानों द्वारा प्राप्त आवेदन के आलोक में जमाबंदी परिमार्जन व नामांतरण में सुधार किया जायेगा. उन्होंने बताया है कि जिस रैयत का जमाबंदी ऑनलाइन नहीं हुआ है, मृत पाया है, उसका भी अपडेट कर दिया जाना है. जिनके बाप दादा, परदादा या अन्य माता-दादी आदि पूर्वज के नाम से रजिस्ट्रर टू पर अभी तक डिमांड चल रहा है. वंशावली के आधार पर कई फरीको के बीच बंटवारा से लेकर नामांतरण किया जाना है. सीओ ने बताया कि इस दौरान रैयत को जमीन पर अपना मलिकाना हक कायम रखने के लिए साक्ष्य प्रस्तुत करना होगा. अभियान के तहत्त दाखिल खारिज नहीं होगा. इसके लिए किसान को पूर्व के सत्तत प्रक्रिया अपनाना होगा. सीओ ने रैयतो को बिचौलिए से दूर रहकर राजस्व से जुड़ी समस्या शिविर में निबटाने का सुझाव दिया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel