दाउदनगर. खलिहान रेपुरा और भारतीय पटसन निगम के संयुक्त तत्वाधान में औरंगाबाद जिले के दाउदनगर, हसपुरा, ओबरा प्रखंड और अरवल जिले के कलेर प्रखंड में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इस वर्ष जूट की खेती की गयी है. किसानों द्वारा रेशे निकाल लिये गये हैं खलिहान की टीम उनसे खरीद कर एक जगह स्टोर कर चुकी है. मलवां के किसान मुकेश सिंह ने बहुत ही अच्छी खेती की है. इन सारी क्रियाविधि की समीक्षा के लिए भारतीय पटसन निगम और क्षेत्रीय कार्यालय फारबिसगंज के अधिकारियों की टीम पहुंच चुकी है. टीम द्वारा जूट के उत्पादन पर संतोष व्यक्त किया गया. रेपुरा के योगेश्वर सिंह स्मारक कन्या उच्च विद्यालय में जीविका संगठन के महिलाओं और किसानों को संबोधित करते हुए भारत सरकार के जुटे कॉरपोरेशन आफ इंडिया के महाप्रबंधक कल्याण कुमार मजुमदार ने घोषणा किया कि इस क्षेत्र में जल्द ही जूट पर आधारित बैग, चटाई, झोला, कारपेट,रस्सी,पर्दा बनाने के लिए मास्टर प्रशिक्षकों की टीम भेजी जाएगी, जो इच्छुक महिलाओं को आवश्यक मशीन देते हुए प्रशिक्षित करेगी.इसके बाद महिलाएं अपने घरों में या किसी एक केंद्रीयकृत स्थान पर इकट्ठा होकर विभिन्न सामग्रियों का निर्माण करेगी. तैयार सामग्रियों को बाजार तक पहुंचाने के लिए पटसन निगम लिमिटेड हर संभव सहायता प्रदान करेगी. उन्होंने कहा कि पश्चिमी राज्यों में इसकी मांग काफी है.सभा का संचालन करते हुए प्रधानाध्यापक अंबुज कुमार सिंह ने कहा कि इस प्रकार के लघु और कुटीर उद्योगों की स्थापना से ग्रामीण महिलाएं स्वरोजगार को अपनाकर स्वावलंबी बनेगी. महात्मा गांधी का भी सपना था कि जब तक ग्रामीण समाज आत्मनिर्भर नहीं होगा, तब तक भारत की प्रगति सुनिश्चित नहीं होगी. ऐसे कार्य से ग्रामीण महिलाओं की आय में बढ़ोतरी होगी और वह अपने परिवार को आगे बढ़ा सकेंगी. अध्यक्षता करते हुए प्रधानाध्यापक रामाकांत सिंह ने निगम के सभी पदाधिकारियों की सराहना की और महिलाओं को अधिक से अधिक इस स्वरोजगार में जुड़ने का आह्वान किया. उपस्थित महिलाओं ने रोजगार के लिए अपनी सहमति व्यक्त की. मौके पर निदेशक रविकांत, रंजन मुर्मू, अंशुमान बनर्जी, खलिहान के सचिव गया यादव, शांति देवी, सुधीर प्रकाश, दीपक कुमार, जीविका के सीएम ममता देवी आदि उपस्थित थे.
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