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ओबरा में यूरिया को लेकर बवाल, अनियमितता का आरोप लगा किसानों ने जाम किया सड़क

सुचारू रूप से खाद वितरण करने की मांग उठायी. किसानों द्वारा किये गये सड़क जाम से एनएच पर वाहनों का रफ्तार थम गया

ओबरा. खाद के लिए मारामारी है. जिले के लगभग तमाम प्रखंडों में एक जैसी स्थिति है. कहीं खाद वितरण में अनियमितता, मनमानी तो कहीं कालाबाजारी का मामला सामने आ रहा है. मंगलवार को ओबरा स्थित बिस्कोमान में खाद वितरण के दौरान अनियमितता का आरोप लगाकर किसानों ने हंगामा किया. यही नहीं औरंगाबाद-पटना रोड को जाम कर नारेबाजी की. सुचारू रूप से खाद वितरण करने की मांग उठायी. किसानों द्वारा किये गये सड़क जाम से एनएच पर वाहनों का रफ्तार थम गया. लंबी जाम लग गयी. जाम की सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष नीतीश कुमार दलबल के साथ पहुंचे और आक्रोशित किसानों को समझा-बुझाकर शांत कराया. जाम में राजद के वरिष्ठ नेता व सूबे के पूर्व मंत्री डॉ सुरेश पासवान भी फंसे हुए थे. किसानों ने उन्हें स्थिति से अवगत कराया. पूर्व मंत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार में अनियमितता और भ्रष्टाचार हावी है. सिर्फ सरकार कागजी खानापूर्ति कर रही है. किसान अपने खेत में खाद डालने के लिए इधर-उधर भटक रहे है. समय पर उन्हें खाद नहीं मिल रहा है. इधर आक्रोशित किसानों का कहना था कि बिस्कोमान में 1000 बोरा यूरिया खाद उपलब्ध कराया गया है, लेकिन किसान अधिक पहुंच जाने के कारण भीड़ अनियंत्रित हो गयी. बिस्कोमान में पदस्थापित कर्मचारी लोग को मुंह देखकर खाद उपलब्ध करा रहे हैं. जो सुबह से कतार में खड़े थे उन्हें खाद नहीं मिला और जो बाद में आये उन्हें पहचान कर खाद दिया जा रहा था. सरकार द्वारा 266 रुपये में प्रति बैग खाद का रेट निर्धारित किया गया, लेकिन उन्हें अधिक दामों पर दिया गया. इधर, सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक कमलेश कुमार विकल, जिला पार्षद प्रतिनिधि गुड्डू कुमार, जितेंद्र पांडेय, सच्चिदानंद मेहता आदि का कहना था कि सरकार द्वारा समय पर किसानों को खाद उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. इस वजह से किसान परेशान है. खाद की कमी से मारामारी की स्थिति उत्पन्न है. अगर आगे भी यही स्थिति रही तो धरना प्रदर्शन होगा. इधर, थानाध्यक्ष ने स्वयं खड़ा होकर किसानों को शांति व्यवस्था के साथ उर्वरक यानी यूरिया उपलब्ध कराया. इस संबंध में बिस्कोमान प्रबंधक कुणाल कुमार ने बताया कि अचानक भीड़ बढ़ जाने के कारण लोग बेवजह हंगामा करना शुरू कर दिये जबकि सुचारू रूप से सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर यूरिया खाद का वितरण किसानों के बीच किया जा रहा है. किसानों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होने दी जायेगी. उन्होंने यह भी बताया कि किसानों द्वारा जो आरोप लगाया जा रहा है वह बेबुनियाद है.

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