दाउदनगर. शारदीय नवरात्र की शुरुआत होते ही पूरा माहौल भक्तिमय हो गया है. पूजा-पंडालों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. शहर के चावल बाजार स्थित सुमिरण साव धर्मशाला में रौनियार वैश्य समिति के तत्वावधान में इस बार भी भव्य तरीके से पूजा की जायेगी. 57 वर्षों से मां की आराधना होती आ रही है. प्रत्येक वर्ष भव्य तरीके से पूजा किया जाता है. धर्मशाला की आकर्षक ढंग से सजावट की जाती है. पंडाल भी बेहद आकर्षक होता है. रौनियार वैश्य समिति से जुड़े सदस्यों ने बताया कि पंडाल व धर्मशाला व सड़क को सजाते हुए आकर्षक रूप दिया जा रहा है. पूजा समिति के अध्यक्ष-अभिमन्यु गुप्ता, उपाध्यक्ष विकास उर्फ विक्की, सचिव राजा गुप्ता, मनोज गुप्ता, कृष्णा गुप्ता, संतोष गुप्ता, बाला कुमार आदि सदस्यों ने बताया कि पश्चिम बंगाल के कारीगर पूजा पंडाल बना रहे हैं. बाजार आकर्षक लाइट से सजाया जायेगा. लखन मोड़ से लेकर चावल बाजार तक सड़क पर सजावट करते हुए पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था की जा रही है. महिलाओं के लिए पूजा-अर्चना करने के लिए विशेष व्यवस्था होती है.
पांच लोगों का बना था ट्रस्ट
बताया गया कि रामसेवक प्रसाद ने अपने दिवगंत पिता की याद में 1968 में इस धर्मशाला का निर्माण कराया था. फिर उसे रौनियार समाज को सौंप दिया था. पांच लोगों का एक ट्रस्ट बनाया गया था. उस ट्रस्ट में छोटे लाल, शंकर प्रसाद, मोहन साव, पूरन प्रसाद व रामनरेश प्रसाद थे. तभी से यहां मां दुर्गा की पूजा-अर्चना होते आ रही है, जो अब विशाल रूप ले लिया है. रौनियार वैश्य समिति के अध्यक्ष बलराम प्रसाद गुप्ता एवं सचिव विनोद कुमार ने बताया कि यहां दुर्गा पूजा का एक अलग ही महत्व है. महिलाएं मन्नत भी मांगती है. 57 वर्षों से चली आ रही परंपरा बरकार है. अब इस पूजा समिति में युवा लोग काफी जुड़ गये हैं, जिससे इस समिति को बेहतर रूप मिलता जा रहा है. श्रद्धालओं की सुविधा हेतु समिति के सदस्य वॉलेंटियर के रूप में तैनात रहेंगे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

