एस सिन्हा कॉलेज में हिंदी दिवस सप्ताह के तहत हिंदी है मान, हिंदी है शान विषय पर चर्चा औरंगाबाद ग्रामीण. सच्चिदानंद सिन्हा महाविद्यालय के हिंदी विभाग के तत्वावधान में हिंदी दिवस सप्ताह के उपलक्ष्य में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ शिवपूजन सिंह, डॉ अरविंद कुमार, मुख्य अतिथि जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष व पूर्व प्राचार्य डॉ सिद्धेश्वर सिंह, महामंत्री धनंजय जयपुरी, पृथ्वीराज चौहान चैरिटेबल ट्रस्ट के उपाध्यक्ष राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर डॉ संजीव रंजन, डॉ सतीश कुमार ओझा द्वारा किया गया. कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक अनूप कुमार सिंह ने किया. सभी अतिथियों को कॉलेज का प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया. विभागाध्यक्ष डॉ अरविंद कुमार ने कहा कि हिंदी भाषा का स्वरूप वर्तमान परिदृश्य में वैश्विक हो गया है. डॉ सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि हिंदी भाषा की सरलता और सहजता ने सभी भारतीयों के लिए उपयोगी बनाया है. डॉ संजीव रंजन ने हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने के लिए कृत संकल्पित होने की बात कही तो ओझा सर ने हिंदी के अनछूए पहलुओं की चर्चा की धनंजय जयपुरी द्वारा काव्यपाठ के माध्यम से हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने की बात कही तो हिमांशु चक्रपाणि के गजलों ने हिंदी उर्दू में एकरूपता स्थापित की. नागेंद्र केसरी द्वारा भावपूर्ण गीत सुनाये गये. अनुज बेचैन ने हिंदी को सभी भाषाओं की माता बताया. अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ शिवपूजन सिंह ने हिंदी भाषा के महत्व और उसकी उपयोगिता पर विशेष प्रकाश डालते हुए कहा कि हिंदी सबसे मीठी भाषा है. धन्यवाद ज्ञापन प्राध्यापक मो राशिद ने की. मौके पर डॉ कमलेश कुमार सिंह, सुभोजित मंडल, संतोष सुमन, पूर्व वर्सर प्रेम शंकर, मंजीत कुमार, ओमप्रकाश कुमार, नीरज कुमार, छोटेलाल यादव, कौशल किशोर शशिकांत कुमार डॉ किरण कुमारी, कंचन पटेल मनोज कुमार सिंह, लेखपाल प्रवीण दुबे, राजेश मिश्रा, अंशु कुमारी, निशा सिंह नेहा आर्य, पप्पू सिंह, सरोज सिंह आदि उपस्थित थे.
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